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    PET: परीक्षा देकर निकले अभ्यर्थियों ने चेन पुलिंग कर रोक दीं ट्रेनें, खिड़कियों से घुसे, चलानी पड़ीं तीन विशेष

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 11:22 PM (IST)

    कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर पीईटी परीक्षा के अभ्यर्थियों की भारी भीड़ ने रेलवे प्रशासन को मुश्किल में डाल दिया। यात्रियों को भारी परेशानी हुई क्योंकि स्टेशन पर जगह की कमी हो गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई गईं और प्लेटफार्मों को खाली कराकर अभ्यर्थियों के लिए अस्थायी आश्रय बनाए गए। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई।

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    कानपुर सेंट्रल स्टेशन में अभ्यर्थियों की भीड़। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) के अभ्यर्थियों ने पहले ही दिन रेलवे के सभी इंतजाम ध्वस्त कर दिए। सेंट्रल स्टेशन के सभी प्लेटफार्मों पर शुक्रवार रात से ही कब्जा जमा लिया। भीड़ इतनी कि नियमित ट्रेनों के यात्री बेहाल हो गए। कई बार चेन पुलिंग कर

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    ट्रेनें रोक दीं तो खिड़कियों से भी अंदर घुस गए। जिसे जहां जगह मिली, वहीं सीट बना ली। शौचालय, दरवाजों के आसपास तक कब्जा रहा। एसी कोच ठसाठस नजर आए। अभ्यर्थियों को संभालने में जीआरपी, आरपीएफ व रेलवे अधिकारियों के पसीने छूट गए। शनिवार सुबह से रात तक सेंट्रल स्टेशन पर जय श्री राम, हिप-हिप हुर्रे के नारे लगाते अभ्यर्थी डटे रहे। यही स्थिति गोविंदपुरी, पनकी धाम, अनवरगंज स्टेशनों की भी रही।

    सेंट्रल स्टेशन से प्रतिदिन औसतन 90 हजार से डेढ़ लाख यात्री 300 ट्रेनों से आवाजाही करते हैं। शुक्रवार रात से शनिवार में लगभग 70 हजार अभ्यर्थी और बढ़ गए। उनके साथ स्वजन भी रहे। शनिवार 12 बजे पहली पाली की परीक्षा छूटने के बाद अधिकतर छात्र सेंट्रल स्टेशन की ओर दौड़ पड़े। दूसरी शिफ्ट की परीक्षा होने के बाद अभ्यर्थी रेलवे स्टेशन पहुंचे। सबसे ज्यादा परीक्षार्थी प्रयागजराज, उन्नाव, झांसी, इटावा व जालौन की ओर जाने वलो रहे। हालत यह रही कि सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार, पांच, छह, सात व नौ पूरी तरह से परीक्षार्थियों से भर गए।

    साबरमती एक्सप्रेस, आगरा इंटरसिटी, कालिंदी एक्सप्रेस, पुष्पक एक्सप्रेस, गाेमती एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस समेत दर्जनों ट्रेनों के एसी कोचों में अभ्यर्थियों का कब्जा हो गया। आरपीएफ व जीआरपी टीमें उन्हें संभालने में मशक्कत करती रहीं। तत्काल कोटे से कन्फर्म टिकट लेने वाले यात्रियों को ट्रेनों में चढ़ने तक की जगह नहीं मिली।

    भीड़ का सिलसिला देर रात तक बरकरार रहा। जितने अभ्यर्थी लौटे, उससे कहीं अधिक रविवार को होने वाली परीक्षा के लिए आए। सिटी साइड गलियारे से लेकर प्लेटफार्मों तक अभ्यर्थियों की इतनी भीड़ रही आरपीएफ पोस्ट के निरीक्षक एसएन पाटीदार, जीआरपी थाना प्रभारी ओम नारायण सिंह ने रेलवे अफसरों से चर्चा की। उप मुख्य यातायात प्रबंधक आशुतोष सिंह के निर्देश पर वरिष्ठ स्टेशन अधीक्षक अवधेश द्विवेदी ने तीन घंटे के अंतराल में दो लखनऊ तो एक प्रयागराज के लिए विशेष ट्रेन चलाई। इससे भीड़ नियंत्रित हुई। ट्रेनें दिन में 3:30 व शाम 5:30 बजे तक चलाई गईं।

    सात ट्रेनें दूसरे शहरों से आई सेंट्रल

    अभ्यर्थियों को लेकर गाजियाबाद, आगरा, ग्वालियर, लखनऊ सहित पांच शहरों से सात ट्रेनें कानपुर सेंट्रल आईं। रेल प्रशासन ने इन ट्रेनों को प्लेटफार्म पर 20-20 मिनट के अंतराल पर लिया। ऐसा इसलिए किया गया कि एक साथ प्लेटफार्मों पर यात्रियों का लोड न पड़े।

    प्लेटफार्म खाली करा बनाया आशियाना

    रेलवे अफसरों, आरपीएफ व जीआरपी टीम ने रात लगभग आठ बजे प्लेटफार्म नंबर एक, सैलून साइडिंग व फुटओवरब्रिज का रास्ता खाली करा वहां छात्रों का आशियाना बनाया। दूसरे दिन की परीक्षा के लिए आने वालों को लिटाया गया। चार टीमों को उनके सामान व सुरक्षा के लिए मुस्तैद किया गया। आरपीएफ की सहेली टीम भी गश्त करती रही। वेंडरों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक रही।

    नियंत्रण कक्ष के 124 सीसीटीवी कैमरों से निगाह

    पीईटी अभ्यर्थी जब शनिवार दोपहर बाद बढ़े तो उप मुख्य यातायात प्रबंधक आशुतोष सिंह, आरपीएफ के सीसीटीवी कंट्रोल रूम पहुंचे। वहां 124 कैमरों के जरिये प्रत्येक प्लेटफार्म की भीड़ का आकलन किया। आरपीएफ प्रभारी एसएन पाटीदार समेत अन्य को निर्देश देते रहे। घंटाघर से प्लेटफार्म आने के लिए बने गलियारे में भीड़ बढ़ने पर नियंत्रण का निर्देश दिया। कई बार हंगामे की स्थिति बनी।

    ट्रेनें रहीं घंटों लेट

    अभ्यर्थियों के चेन पुलिंग करने के कारण दिल्ली-हावड़ा, लखनऊ जंक्शन वाया कानपुर-झांसी मुंबई व बुंदेलखंड रूट की ट्रेनें घंटों लेट रहीं। अभ्यर्थी कोचों में चढ़ने के लिए चेन पुलिंग कर स्टेशनों पर गाड़ियां रोकते रहे। इससे समस्या हुई। कई बार ट्रेन के आगे बढ़ते ही चेन खींच दी, जिससे नियमित ट्रेनों के यात्री परेशान हुए। रेलवे अफसर पूरी तत्परता दिखाते हुए समस्या से जूझते रहे।

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