कानपुर का पुलिसवाला बना फरिश्ता, सड़क पर राहगीर को पड़ा हार्ट अटैक, CPR देकर बचाई जान
CPR Training कानपुर में दैनिक जागरण के सीपीआर प्रशिक्षण अभियान से एक व्यक्ति की जान बच गई। मूलगंज में हार्ट अटैक आने पर चौकी प्रभारी रोहित तोमर ने सीपीआर देकर व्यक्ति को होश में लाया। दैनिक जागरण ने पिछले साल सीपीआर का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया था जिससे प्रभावित होकर दरोगा ने तत्परता दिखाते हुए एक व्यक्ति की जान बचाई। इस घटना से सीपीआर के महत्व को बल मिला है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर की सड़क पर एक पुलिसवाला फरिश्ता बनकर सामने आया। एक व्यक्ति को बीच रास्ते हार्ट अटैक पड़ गया। तभी वहां पर तैनात पुलितकर्मी आननफानन में उसके पास पहुंचा और सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देकर उसकी जान बचाई। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। हर कोई पुलिसवाले की प्रशंसा कर रहा है।
जनवरी 2025 से दैनिक जागरण द्वारा चलाए गए सीपीआर अभियान ने मंगलवार को एक युवक की जान बचा ली। मूलगंज के व्यस्ततम चौराहे पर मंगलवार दोपहर करीब साढ़े 11 बजे एक व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ खड़ा था। अचानक उसे हार्ट अटैक पड़ा और वह बेसुध होकर गिर पड़ा। पति की हालत देखकर पत्नी रोने लगी तभी वहां खड़े मूलगंज थाने के बकरमंडी चौकी प्रभारी रोहित ताेमर ने उसे सीपीआर देना शुरू किया।
20 सेकेंड में मिली नई जिंदगी
महज 20 सेकेंड सीपीआर देने से व्यक्ति की जान बच गई और उसे होश आ गया। होश में आने के बाद मरीज को पत्नी के साथ उर्सुला अस्पताल भेजा गया। चौकी प्रभारी ने बताया कि उन्होंने सीपीआर देने का प्रशिक्षण दैनिक जागरण द्वारा पिछले वर्ष कैंट थाने में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में प्राप्त किया था।
इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ CPR का वीडियो
मंगलवार दोपहर चौकी प्रभारी बकरमंडी रोहित तोमर मूलगंज चौराहे पर खड़े थे। वहीं पास में खड़ा 50 वर्षीय एक राहगीर पत्नी के साथ सवारी का इंतजार कर रहा था। अचानक उसे हार्ट अटैक पड़ा, जिससे वह बेसुध होकर गिर पड़ा। यह देखकर उसकी पत्नी रोने लगी और राहगीरों की भीड़ जुट गई। यह देखकर वह वहां पहुंचे और तुरंत सीपीआर देना शुरू किया। करीब 20 सेकेंड के बाद उसे होश आया और उसकी जान बच गई। इस संबंध में एक वीडियो भी प्रचलित हो रहा है, जिसमें दिखाई पड़ रहा है कि रोहित तोमर के साथ ही व्यक्ति की पत्नी भी उसे मुंह से सांस देने का प्रयास कर रही है। वहीं एक अन्य व्यक्ति भी उसके हाथ को सहला रहा है।
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रोहित का जताया आभार
इससे साफ जाहिर हो रहा है कि उन लोगों को भी सीपीआर के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी थी। वहीं सब कुछ ठीक होने के बाद महिला ने पति की जान बचाने के लिए रोहित का आभार जताया। इसके बाद दंपती को उर्सुला भेजा गया जहां से वह घर चले गए।
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दैनिक जागरण की कार्यशाला से लिया था प्रशिक्षण
दैनिक जागरण के सीपीआर अभियान का यही उद्देश्य था कि लोगों को ऐसे मौके के लिए सीपीआर के लिए प्रशिक्षित किया जाए, ताकि लोगों की जान बच सके। दैनिक जागरण ने जनवरी से सीपीआर अभियान चलाकर स्कूल, कालेज, थानों और सार्वजनिक स्थानों पर 350 कार्यशालाओं का आयोजन किया और करीब 10 हजार लोगों को सीपीआर के लिए प्रशिक्षित किया था। चौकी प्रभारी रोहित तोमर का कहना है कि दैनिक जागरण के सीपीआर अभियान से प्रशिक्षण लेकर वह किसी की जान बचा सके इससे बेहतर और क्या हो सकता है।
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ऐसे दें सीपीआर
सीपीआर का ज्ञान बेहद जरूरी है। अगर व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है, तो अपने एक हाथ को दूसरे हाथ के ऊपर रखें और उसकी छाती के बीच (वक्ष भाग के ठीक नीचे) रखें। अपने शरीर के वजन का बल लगाते हुए अपने हाथों को व्यक्ति की छाती के बीच में जल्दी-जल्दी जोर से दबाएं। अपने हाथ की कलाई के ठीक पहले वाले हिस्से का इस्तेमाल करें। व्यक्ति की छाती पर प्रति मिनट 100 से 120 बार दबाव डालें। हर बार दो इंच नीचे की ओर दबाव डालने का प्रयास करें। जिन लोगों को सीपीआर का प्रशिक्षण प्राप्त है, वे हर 30 दबावों (लगभग 20 सेकंड) के बाद व्यक्ति को दो बार मुंह से सांस देने के लिए दबावों को रोक सकते हैं। कृत्रिम सांस देते समय मरीज की नाक को दो उंगलियों से दबाकर मुंह से उसके मुंह में सांस दी जाती है। जब तक व्यक्ति होश में न आ जाए या और सहायता न मिले, तब तक छाती को दबाते रहें और मुंह से सांस देते रहें।
इन लोगों को जरूरत पड़ती है सीपीआर की
- करंट लगने से बेहोशी आने पर।
- अचानक बेहोश हुए व्यक्ति को।
- पानी में गिर जाने से बेहोश होने पर।
- दम घुट जाने से होने वाली बेहोशी पर।
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