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    कानपुर में I Love Muhammad की आड़ में माहौल बिगाड़ने की बड़ी साजिश, जुबैर मस्जिदों के जरिए फैलाना चाहता था हिंसा

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 11:40 PM (IST)

    कानपुर से शुरू हुआ आई लव मोहम्मद विवाद अब देशभर में धीरे-धीरे हिंसा का रूप ले चुका है। बरेली में बवाल के बाद कानपुर में हिंसा की बड़ी साजिश रची जा रही थी। जुबैर अहमद खान ने मस्जिदों के जरिए इस हिंसा को अंजाम देने की बड़ी साजिश रच रहा था।

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    पुलिस हिरासत में आरोपित जुबैर अहमद खान। पुलिस

    जागरण संवाददाता, कानपुर। सुजातगंज में अजमेरी मस्जिद के पास शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद लोगों को भड़काऊ आडियो सुनाकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने के आरोपित जुबैर अहमद सात मस्जिदों में सक्रिय था। वह मुस्जिदों के जरिए बड़ी घटनाओं की साजिश रच रहा था। उसका एक आडियो भी एलआइयू को मिला है।

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    पुलिस के अनुसार जुबैर ने इस्लाम का अध्यन करने व प्रचार-प्रसार के लिए ही पुलिस विभाग से बीआरएस ले लिया था। पुलिस उसके मोबाइल नंबर की काल डिटेल निकलवा रही है। साथी ही उसके दो दर्जन से ज्यादा सहयोगियों को भी चिह्नित करने में जुटी है। कुछ संदिग्धों को भी उठाकर पूछताछ कर रही है। फिलहाल पुलिस ने जुबैर को जेल भेज दिया है।

    भ्रष्ट्राचार में बर्खास्त

    मूलरूप से गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर के महेंद्र गांव निवासी जुबैर अहमद खान उर्फ जुबैर गाजी वर्तमान में सुजातगंज के चंदारी में रह रह रहा है। 1998 बैच का सिपाही जुबैर शहर में ही यातायात विभाग में तैनात था। पुलिस अधिकारी के अनुसार, वर्ष 2015 में वह कई बार वसूली में फंस चुका था। उसके खिलाफ विभागीय जांच भी चली। आरोपित सही पाए जाने पर भ्रष्टाचार में उसे बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन वह कोर्ट चला गया और बाद में उसकी बहाली हो गई, लेकिन वर्ष 2021 में उन्नाव से उसने बीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्त) ले लिया था।

    ओवैसी की पार्टी का सदस्य रहा, फिर सपा में गया

    अधिकारी ने बताया कि जानकारी में आया है कि जुबैर ने इस्लाम का अध्ययन के लिए बीआरएस लिया था। इसके बाद वह असदद्द्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन में सदस्य रहा। जिससे वह अपना राजनैतिक भविष्य तलाशने की जुगत में था, लेकिन यहां पार्टी की खास मजबूती न देखकर कुछ दिन पहले वह सपा में शामिल हो गया था।

    सपा के लोगों से अच्छे संबंध

    सूत्रों के अनुसार, जुबैरके सपा से जुड़े लोगों से भी पहले से ही अच्छे संबंध हैं, जिन्हें भी देखा जा रहा है। बताया गया कि आई लव मोहम्मद प्रकरण में जुबैर खुद भी साजिश रचने की तैयारी कर रहा था, जिसके लिए लोगों की भीड़ का इस्तेमाल करना चाहता था। वह सात मस्जिदों में काफी सक्रिय हो गया था, जिसके जरिए वह शहर में बड़ी साजिश रचने की तैयारी कर रहा था। योजना के तहत वह लोगों को भड़काऊ आडियों सुनाकर गुमराह कर रहा था।

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    इन मस्जिदों में जाकर लोगों से क्यों मिला?

    उसने सुजातगंज की अजमेरी मस्जिद समेत बड़ी मस्जिद, छोटी मस्जिद, नूरानी मस्जिद, नई मस्जिद, अजमल मस्जिद समेत मस्जिदों में जाकर लोगों से मिला था। इसके बाद वहां के लोगों को अपनी योजना में शामिल करने का प्रयास कर रहा था। पुलिस के अनुसार जुमे के नमाज के दिन अजमेरी मस्जिद के पास जुबैर ने पुलिस को भी गुमराह करने का प्रयास किया। पुलिस वहां पहुंची तो जुबैर ने उनसे कहा कि आप लोग जाइए, लेकिन पुलिस के पास पुख्ता जानकारी थी कि वह माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है। इसलिए पहले वहां लोगों को समझा बुझाकर हटा दिया गया था, फिर सुजातगंज चौकी प्रभारी राजमोहन मिश्र ने जुबैर समेत 25 अज्ञात के खिलाफ दंगा भड़काने समेत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।

    अजमेरी मस्जिद के पास से गिरफ्तार

    इसके बाद जुबैर को शनिवार देर रात अजमेरी मस्जिद के पास से ही गिरफ्तार कर अगले दिन जेल भेज दिया था। पुलिस अधिकारी अब बरेली में हिंसा भड़काने के आरोपित तौसीर रजा समेत लोगों के साथ जुबैर के कनेक्शन होने का पता लगाने का प्रयास कर रही है। उसके राजैनिक भूमिका व संरक्षण समेत कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। उसकी संपत्ति के बारे में भी पता किया जा रहा है। रेलबाजार थाना प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि आरोपित के राजनैतिक संबंधों के साथ उसके कनेक्शन में शामिल लोगों की भी लिस्टिंग की जा रही है। साथ ही उसके अन्य शामिल साथियों को भी चिह्नित कर गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

    जेडए खान से बनाई पहचान, कहीं इंस्पेक्टर तो कहीं बताता डीएसपी

    जुबैर अहमद खान उर्फ जुबैर गाजी ने अपनी पहचान जेडए खान के रूप में बनाई है, वह माहौल देखकर किसी को अपना परिचय इंस्पेक्टर तो किसी को डीएसपी के रूप में बताता था। वहीं कई मामलों में पुलिस, थानों में में भेजकर खुद इंस्पेक्टर बता बात करता था। इस पर पुलिस कर्मी भी भ्रमित रहते थे। रेलबाजार थाने के कुछ पुलिस कर्मियों ने बताया कि जुबैर किसी के काम पर अपने नाम कि सिफारिश बताकर भेजता था। यहां अधिकांश लोग उसे पुलिस अधिकारी ही समझते थे।

    इन दिनों बीएनएन 163 की धारा लगी है। जुबैर को सुजातगंज की अजमेरी मस्जिद के पास भीड़ इकठ्ठा करने पर गिरफ्तार किया गया। उसकी फडिंग आदि के लिए मोबाइल फोन की काल डिटेल और उसके कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं। जानकारी ये भी मिली है कि उसने इस्लाम का अध्यन के लिए बीआरएस लिया था। वह किस-किस से बात करता था। इसकी पड़ताल की जा रही है।

    - आशुतोष कुमार, संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था

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