रिजवान की रिहाई, जेल से निकलते ही बेटों को गले लगाया, पिता की कब्र में पढ़ी फातिहा, कल इरफान सोलंकी आ सकते बाहर
सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोमवार रात जेल से रिहा हो गए। गैंगस्टर एक्ट मामले में उन्हें जमानत मिली थी। इरफान का रिहाई परवाना भी जेल भेजा गया लेकिन उनकी रिहाई में तकनीकी कारणों से देरी हो रही है क्योंकि वे महाराजगंज जेल में बंद हैं। रिहाई के बाद रिजवान ने अपने पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। गैंग्सटर के मुकदमे में जमानत मिलने के बाद सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान की सोमवार रात रिहाई हो गई। वह दो साल नौ माह 27 दिन बाद जेल से बाहर आ सका। इरफान का रिहाई परवाना भी जिला कारागार भेजा गया, लेकिन वह महाराजगंज जेल में बंद हैं।
मंगलवार को जेल अधीक्षक की रिपोर्ट के बाद कोर्ट से नया परवाना बनेगा। इसके बाद रेडियोग्राम से परवाना महाराजगंज जेल भेजा जाएगा। इस तरह इरफान की रिहाई मंगलवार को हो सकती है।
26 दिसंबर 2022 को इरफान, रिजवान, शौकत अली, इजराइल आटे वाला, मो. शरीफ, अज्जन उर्फ एजाजा और मुर्सलीन खां उर्फ भोलू के खिलाफ जाजमऊ थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी अशोक कुमार दुबे ने गैंग्सटर की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कहा था कि यह गिरोह संगठित रूप से लोक व्यवस्था को अशांत करने, भौतिक और आर्थिक लाभ के लिए अपराध करते हैं।
17 सितंबर को एमपी एमएलए व अपर जिला जज 8 विजय गुप्ता की कोर्ट ने इरफान, रिजवान समेत सभी आरोपितों पर आरोप तय कर दिए थे। अब इस मुकदमे में 30 सितंबर को सुनवाई है। उच्च न्यायालय से इरफान, रिजवान और इजराइल आटे वाला को जमानत मिल गई थी। इसके बाद एमपी एमएलए कोर्ट में जमानतें दाखिल की गईं थीं। जमानतों का सत्यापन होने के बाद सोमवार शाम इरफान और रिजवान का रिहाई परवाना जिला जेल पहुंचा।
जिला जेल से प्रशासनिक आधार पर इरफान को महाराजगंज जिला जेल भेज दिया गया था। इरफान के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि तकनीकी कारण से इरफान का रिहाई परवाना जिला जेल भेज दिया गया। मंगलवार को जेल अधीक्षक कोर्ट में रिपोर्ट लगाते हुए जानकारी देंगे कि इरफान इस समय महाराजगंज जेल में बंद है। इसके बाद कोर्ट से महाराजगंज जेल के लिए उनकी रिहाई का परवाना भेजा जाएगा। पुलिस लाइन से रिहाई परवाना रेडियोग्राम से भेजा जाएगा। इसके बाद उनकी रिहाई हो सकेगी।
दो दिसंबर 2022 को गए थे जेल
आठ नवंबर 2022 को इरफान, रिजवान के खिलाफ आगजनी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस पर इरफान और रिजवान ने दो दिसंबर 2022 को तत्कालीन पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड के सामने उनके आवास पर आत्मसमर्पण कर दिया था। सात जून 2024 को इरफान व रिजवान समेत अन्य अभियुक्तों को सात साल कैद और 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। 14 नवंबर 2024 को इरफान व रिजवान को आगजनी के मुकदमे में उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी। उस समय इन दोनों को अन्य कई मुकदमों में जमानत नहीं मिल सकी थी। इसलिए दोनों की रिहाई नहीं हो सकी थी। बाद में एक-एककर अन्य मुकदमों में उच्च न्यायालय से जमानत मिली। 25 सितंबर को गैंग्सटर में उच्च न्यायालय से जमानत पर पर दोनों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया था।
पिता की कब्र पर पढ़ी फातिहा
रिजवान का रिहाई परवाना जेल पहुंचते ही उन्हें लेने के लिए मां खुर्शीदा बानो, भाई अरशद सोलंकी, फरहान सोलंकी, इमरान सोलंकी और फैजान सोलंकी पहुंचे थे। रिजवान के नौ वर्षीय बेटे मुजतबा और बेटी जीनिया जेल पहुंचे थे। रिजवान करीब 8:15 बजे जेल से रिहा हुए। जेल से निकलते ही उन्होंने अपने दोनों बच्चों को गले लगा लिया। इसके बाद मां और भाई उन्हें कार में बैठाकर चले गए। जेल से छूटने के बाद रिजवान बकरमंडी स्थित अपने पिता स्व. हाजी मुश्ताक सोलंकी की कब्र पर पहुंचे और फातिहा पढ़ी।
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