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    तड़पते परिवार, बिलखते स्वजन...UP के 5 जिलों में 2 महीने में 6 विस्फोट, 8 की मौत

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 10:02 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में फतेहपुर से जालौन तक कई रिहायशी इलाकों में पटाखों की अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं जिससे आये दिन हादसे हो रहे हैं। पिछले दो महीनों में पांच जिलों में छह विस्फोट हुए हैं जिनमें आठ लोगों की जान जा चुकी है। कन्नौज उन्नाव और चित्रकूट में भी ऐसे कई विस्फोट हो चुके हैं जिसमें जान गंवाने वालों के साथ कई घायल भी हैं।

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    यूपी में अवैध पटाखा फैक्ट्री से मौत के आंकड़े बढ़ रहे। जागरण

    जागरण टीम, कानपुर। उत्तर प्रदेश में खेतों से लेकर रिहायशी इलाके में बारूद के ढेर पर जिंदगी है। फतेहपुर से लेकर जालौन तक पटाखों की अवैध फैक्ट्रियां चल रहीं। बिना सुरक्षा मानकों के भंडारण हो रहा। इससे आए दिन हादसे हो रहे और लोग जिंदगी गवां रहे। दो महीने में पांच जिलों में छह विस्फोट होने से आठ लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को फर्रुखाबाद में हुए धमाके की वजह भले ही कुछ भी हो लेकिन पुराने हादसों के दर्द ताजा हो गए हैं।

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    फतेहपुर में तीन जगह हुआ था विस्फोट, पांच की मौत

    फतेहपुर के हुसेनगंज थाने के जमरावां गांव में 24 अगस्त का दिन आज भी मृतकों के परिवार वालों को नहीं भूलता है। सुबह पटाखा निर्माण के समय विस्फोट से आतिशबाज की मौत हो गई थी, बाद में इलाज दौरान इसकी पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। इसी तरह 14 सितंबर को धाता कस्बा में पटाखा विस्फोट से वृद्ध आतिशबाज की मौत हो गई और बच्चे झुलस गए। 29 सितंबर को कल्यानपुर थाने के रेवाड़ी खुर्द गांव में बारूद विस्फोट से आतिशबाज व इसकी पुत्री की जिंदा जल गए। पुत्र का उपचार अभी एलएलआर हास्पिटल कानपुर में चल रहा है।

    कन्नौज दैमार के धमाकों से पशु भी मरे

    कन्नौज के सदर कोतवाली अंतर्गत मखदूमापुर में 23 सितंबर को अवैध आतिशबाज मोहम्मद हसन के दरवाजे पर सूख रहे प्रतिबंधित दैमार पटाखों पर बकरियों के उछल-कूद करने से विस्फोट हुआ था। दो बकरियों के चिथड़े उड़ गए थे। अग्निशमन और पुलिस विभाग ने मामले में अभी तक कार्रवाई नहीं की है। इस घटना से एक सप्ताह पूर्व चपुन्ना में टेंट कारोबारी के घर अवैध गोदाम में बारूद से धमाका हुआ था। इस मामले में भी कार्रवाई नहीं हुई।

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    उन्नाव में विस्फोट से 50 मीटर दूर दुकान के टूट गए थे शीशे

    उन्नाव के मौरावां के पारा गांव में 22 जुलाई मंगलवार दोपहर खेत में बनी कोठरी में अवैध रूप से आतिशबाजी निर्माण के दौरान विस्फोट हो गया था। मौके पर मौजूद 60 वर्षीय शिवचरन के चीथड़े उड़ गए थे। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। धमाका इतना तेज था कि पास स्थित नीम के पेड़ की 15 फीट ऊंची डाल में ईंटें लगने से वह क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं 800 मीटर दूर खेतों में खाद डाल रहा गांव का नीलेश गोस्वामी धमाके से सहमकर अचेत होकर गिर गया था। करीब 10 किमी दूर तक धमाके की आवाज सुनी गई। 50 मीटर दूर बस्ती में संचालित दुकानों के शीशे चटकने के साथ दीवारें तक दरक गईं थी।

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    चित्रकूट में पति-पत्नी की झुलसने से हुई थी मौत

    चित्रकूट के मानिकपुर में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में छह अगस्त की शाम को आग लगने से विस्फोट हो गया। जिसमें अवैध फैक्ट्री संचालक सहित तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गए। इलाज के दौरान संचालक इश्तियाक अहमद, उसकी पत्नी बानो बेगम की मौत हो गई थी। जबकि बहू शबाना बेगम का अभी इलाज चल रहा है। वहीं, जालौन में तीन स्थानों से रिहायशी बस्ती के बीच से तीन बार में 350 के आसपास आतिशबाजी के डिब्बे बरामद हुए थे।

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