CAA कानून का मिला लाभ: भारतीय नागरिकता मिलने पर सोनम और सारिका ने जताई खुशी, बोलीं- पाकिस्तान से कानपुर तक का सफर अब पूरा
कानपुर में सोनम और सारिका को CAA कानून के तहत भारतीय नागरिकता मिली है। उनका पाकिस्तान से कानपुर तक का उनका सफर अब पूरा हुआ। नागरिकता मिलने से उनके जीव ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जा रही है। गृह मंत्रालय ने सीएए से शहर के रतन स्तुति अपार्टमेंट निवासी सोनम निहलानी और शास्त्री नगर सिंधी कालोनी निवासी सारिका को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने औपचारिक रूप से भारतीय नागरिकता प्रदान कर दी है। नागरिकता मिलने के बाद दोनों महिलाओं और उनके परिजनों में खुशी की लहर है।
गृह मंत्रालय के जनगणना कार्य निदेशालय ने प्रदेश के कानपुर, आगरा, अलीगढ़, अंबेडकर नगर, हाथरस, मथुरा, रायबरेली, रामपुर, पीलीभीत और खीरी जनपद निवासी कुल 169 हिंदू नागरिकों को नागरिकता दिए जाने की पुष्टि की है। इसमें 57 महिलाएं और 112 पुरुष शामिल हैं। इन सभी लाभार्थियों में 92 बांग्लादेशी और 77 पाकिस्तानी मूल के लोग हैं, जिन्हें गृह मंत्रालय की ओर से भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। मंत्रालय के अधीन जनगणना कार्य निदेशालय नागरिक प्रकोष्ठ की निदेशक शीतल वर्मा ने 11 जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस कमिश्नरों और पुलिस अधीक्षकों को गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में संबंधित भारतीय नागरिकता लेने वाले बांग्लादेशी और पाकिस्तान के लाभार्थियों की सूची भेजी है, जिसमें नागरिकता प्रदान की जानकारी दी गई है।
सारिका बोली घर बैठे मिली नागरिकता
शास्त्री नगर सिंधी कालोनी निवासी सारिका ने बताया कि उन्होंने सीएए कानून लागू होन के बाद अगस्त 2024 में नागरिकता के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद उनकी सभी औपचारिकताएं आनलाइन पूरी होने के बाद दो माह में ही नागरिकता दिए जाने की पुष्टि आनलाइन कर दी गई थी। नागरिकता मिलने के बाद उन्होंने भारत सरकार और राज्य प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
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यह मिलेंगे अधिकार
नागरिकता मिलने के बाद लाभार्थी अब भारतीय नागरिकों के सभी अधिकारों के पात्र हो जाते हैं, जिसमें वोट डालने, सरकारी योजनाओं का लाभ लेने और रोजगार के अवसरों का अधिकार शामिल है। हालांकि, निर्वाचन सूची में शामिल होने की प्रक्रिया अलग से पूरी करनी होगी।
सिंधी पंचायत के पदाधिकारियों ने जताया आभार
सिंधी पंचायत के पदाधिकारी महेश मेघानी ने कहा कि सीएए के तहत मिली नागरिकता उन कई परिवारों के लिए उम्मीद की किरण हैं, जो वर्षों से भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं। इस निर्णय से विस्थापित हिंदू समुदाय में विश्वास बढ़ेगा और उनकी स्थायी पहचान सुनिश्चित होगी।
छह देश के 17 नागरिकों को सालों से नागरिकता का इंतजार
जिले में छह अलग-अलग देश के 17 नागरिकों को भारतीय नागरिकता लेने के लिए सालों से इंतजार कर रहे हैं, अभी तक इन नागरिकों को भारतीय नागरिकता नहीं मिली हैं। जिसमें पाकिस्तान के 10, बांग्लादेश के दो, नाईजीरिया एक, नेपाल के दो, चीन और ईरान के एक-एक नागरिक हैं। इन छह देश के 17 नागरिकों में 13 महिलाएं और चार पुरुष हैं। सबसे ज्यादा पाकिस्तानी मूल की नौ सबसे ज्यादा महिलाएं हैं, इसके बाद ईरान, चीन की एक-एक और नेपाल की दो महिलाएं हैं, जो भारतीय नागरिकता दिए जाने की मांग कर रही हैं। हालांकि अभी तक इनके आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया गया।
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सीएए कानून के तहत दो महिलाओं को नागरिकता प्रदान करने की सूचना गृह मंत्रालय की ओर से भेजी गई है। इसके साथ ही प्रदेश के 11 जिलों में 169 लोगों को नागरिकता प्रदान की गई हैं। इनमें सभी लोग पाकिस्तान और बांग्लादेश के मूल निवासी हैं।
डा.राजेश कुमार, एडीएम सिटी

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