जैश की महिला विंग में थी शहर की नौ युवतियां, डाक्टर शाहीन को कानपुर ला सकती है NIA
कानपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग में शहर की नौ युवतियों के शामिल होने का पता चला है। एनआईए इस मामले की जांच कर रही है और डॉक्टर शाहीन को कानपुर ला सकती है, जो इन युवतियों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल है। एनआईए की जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। दिल्ली धमाके के बाद एनआइए व एटीएस की टीमों की निगाह पांच मुहल्लों जाजमऊ, बेकनगंज, चमनगंज, रावतपुर और काकादेव पर टिक गई है। यह मुहल्ले पुलिस रिकार्ड में अतिसंवेदनशील हैं। रावतपुर में टीमें कई घरों में जा चुकी हैं। 20 से ज्यादा संदिग्धों के फोटो व मोबाइल फोन नंबरों की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) के आधार पर पड़ताल की जा रही है। खुफिया के संपर्क में शहर की नौ युवतियां आई हैं, जिन्होंने डा.शाहीन को लेकर कई राज खोले हैं। उन्हें महिला विंग में आर्थिक लाभ का लालच देकर जोड़ा गया था।
वहीं, सूत्रों के अनुसार, कई इनपुट मिलने पर एनआइए डा.शाहीन को शहर ला सकती है। उधर, आतंकी कनेक्शन मिलने व अशोक नगर में किराये के मकान से जम्मू-कश्मीर मूल के एवं लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलाजी) से डाक्टरेट आफ मेडिसिन (डीएम) कर रहे डा.मो.आरिफ मीर को उठाए जाने के बाद कमिश्नरेट पुलिस किरायेदारों का सत्यापन करा रही है।
दो-दो टीमें कर रहीं जांच
शहर में एटीएस, एनआइए और आइबी की दो-दो टीमें जांच पड़ताल में जुटी है। हर टीम में दो लोग शामिल हैं। इन टीमों ने शहर के एक मुहल्ले में स्थित फ्लैट को अपना ठिकाना बनाया है। ये टीमें अलग-अलग पांचों अतिसंवेदनशील मुहल्लों में डा.शाहीन, डा.आरिफ मीर से जुड़े करीबियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए शुक्रवार को भी घूमती रहीं।
पहले परवेज से मिलीं फिर शाहीन से
सूत्रों के अनुसार, इन टीमों को डा.शाहीन की महिला विंग की सदस्य नौ युवतियों के बारे में काफी जानकारी मिली हैं। ये सभी पहले डा.परवेज से मिली थीं। इसके बाद डा.शाहीन के संपर्क में आई थीं। इन्हें धार्मिक प्रचार के नाम पर शामिल किया गया था। इस दौरान उन्हें लखनऊ, बिजनौर, बरेली, मेरठ, सहारनपुर, बहराइच, संभल समेत प्रदेश के कई जिलों में हुई सभाओं में ले जाया गया था। इन युवतियों को महिला विंग के लिए तैयार किया जा रहा था।
लखनऊ के होटल में बुलाया सभी को
जानकारी करने पर युवतियों में कुछ ने खुफिया को बताया कि वह बहुत गरीब परिवार से हैं तो किसी ने कहा कि पिता के न होने और परिवार की जिम्मेदारी के चलते काम करने के लिए संपर्क में आई थीं। वे लोग कुछ जगहों पर 2024 से मार्च 2025 तक दीनी तालीम के लिए दूसरे शहरों में जरूरत के पंफलेट चस्पा देखकर उन पर दिए नंबरों पर संपर्क किया था, जिस पर काल करने पर उन्हें लखनऊ के एक होटल बुलाया गया था।
नकाब पहने एक महिला से मिलीं
वहां डा.परवेज से मिलीं, जहां दीनी तालीम को लेकर उन्हें जानकारी दी गई और नकाब पहने महिला मिली, जिसने अंदर जींस पहन रखी थी। उसने घर-परिवार के बारे में जानकारी कर अपनापन जताया और इसके बाद अपनी ससुराल कानपुर व पति को डाक्टर बताया था। उस महिला ने देश को दुश्मन और यहां कोई सुविधाएं न होने की बात कही थी। इस तरह से कई बातें महिला ने उन्हें बताई और आर्थिक मदद करने का भरोसा दिलाया था।
मार्च में बाराबंकी के मदरसे में रुकी थी शाहीन
सूत्रों के अनुसार, मार्च,2025 में ही एक रात बाराबंकी के एक मदरसे में रुकने के दौरान पता चला कि वह महिला डा. शाहीन है, जिस तरह से वह बात कर रही थी। उससे उसके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का शक हो गया था। इसके बाद उन युवतियों में उसी रात चार अंधेरे का फायदा उठा चुपचाप निकल गईं, जबकि अन्य युवतियां भी बाद में भाग निकलीं। बेकनगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती ने यह भी बताया कि जब वह लोग उस महिला के पास पहुंचे तो कहीं और नहीं जाने दिया जाता था।
अंधेरे में ले जाती थी युवतियों को
महिला ज्यादातर अंधेरे में ही उन युवतियों को ले जाती थी। सूत्रों के अनुसार अब खुफिया डा.शाहीन को शहर ला सकती है, जिससे उन युवतियों के बताए तथ्यों की पुष्टि करा बयान व मजबूत साक्ष्य जुटाए जा सकें। एक अधिकारी ने बताया कि खुफिया को शहर में डा.शाहीन से जुड़े काफी इनपुट मिले हैं। टीमें कई दिन रुककर अलग-अलग मुहल्लों में छानबीन कर साक्ष्य जुटा रही है।
225 लोगों ने किरायेदारों को लेकर किया था आवेदन, 117 हुए अस्वीकृत
शहर में लाखों किरायेदार हैं। कोई मकान में किराये पर रह रहा तो कोई दुकान चला रहा है, लेकिन इनके सत्यापन की व्यवस्था बहुत ही दयनीय है। एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक कमिश्नरेट के चारों जोन से पुलिस के एप यूपी काप में 225 आवेदन किरायेदारों के सत्यापन के लिए पंजीकृत हुए, जिसमें 117 को पुलिस ने ही किन्हीं कारण अस्वीकृत कर दिया, जबकि अन्य स्वीकृत कर लिए गए।
थानों को दिए गए निर्देश
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था आशुतोष कुमार ने बताया कि सभी थानेदारों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने क्षेत्र में रहने वाले किरायेदारों के सत्यापन के लिए मकान मालिकों से अपील करें, जिससे वह उनके दस्तावेज चौकी-थाने में जमा करें और उनका सत्यापन हो सकें। कुछ दिन पहले व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी आया था। उनका कहना था कि कई फुटपाथ दुकानदार व कश्मीरी व्यापारी घर-घर कपड़े व कंबल बेचते हैं। उनका सत्यापन होना जरूरी है। उनका भी सत्यापन कराया जा रहा है।
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