योगी आदित्यनाथ का ऐलान, बुंदेलखंड को सिक्स लेन एक्सप्रेसवे से जोड़ेंगे
मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ आज पहली बार बुंदेलखंड दौरे पर थे।उन्होंने सरकारी अस्पताल के साथ ही स्कूल, कोतवाली तथा सरकार के अन्य कार्यालय का जायजा लिया।
झांसी (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को पानी, बिजली और गरीबी का मुद्दा उठाकर बुंदेलियों की भावनाओं को छू लिया। उन्होंने बुंदेलखंड को दिल्ली से जोडऩे के लिए सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे की सौगात दी तो सरकारी खाद्यान्न बाजार में बेचने वाले अफसरों को बर्खास्तगी की चेतावनी भी दी। कहा कि बुंदेलखंड के किसान एक ही फसल ले पाते हैं। इसके लिए योजना बनाई जा रही है, ताकि वे तीन फसल ले सकें। दो साल बाद बुंदेलखंड में न पीने के पानी की समस्या होगी न सिंचाई की।
सत्ता संभालने के बाद पहली बार झांसी आए मुख्यमंत्री एक्शन में दिखे। निरीक्षण से लेकर अधिकारियों के साथ चली चार घंटे की मैराथन बैठक में उन्होंने अधिकारियों को कार्यशैली में सुधार लाने की नसीहत देते हुए स्पष्ट किया कि पहली बार है, इसलिए सिर्फ चेतावनी दी जा रही है। अगले चरण में कार्रवाई होगी। भाजपा कार्यकर्ता बैठक में योगी ने कहा कि प्रदेश में गरीबी के कारण कोई भूखा नहीं रहेगा, किसी कन्या का विवाह नहीं रुकेगा और न कोई बच्चा स्कूल जाने से वंचित रहेगा। विकास बिना भेदभाव के होगा लेकिन, अराजकता और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड को दिल्ली से जोडऩे के लिए एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा, जिसके बाद यहां उद्योग आएंगे और युवाओं को रोजगार मिलेगा। पलायन रुकेगा और विकास के रास्ते भी यह एक्सप्रेस-वे ही खोलेगा।
पिछली सरकारों पर प्रहार करते हुए योगी ने कहा कि केंद्र में जब मोदी की सरकार बनी थी तब 30 करोड़ लोगों के खाते नहीं थे। जनधन योजना से 28 करोड़ लोगों के खाते खोले गए, जबकि उज्ज्वला योजना के माध्यम से पांच करोड़ गरीबों को रसोई गैस उपलब्ध कराई गई। उन्होंने सवाल किया कि गरीबी हटाओ का नारा देने वाले बताएंगे कि गरीबों को क्यों इससे वंचित रखा गया था। उन्होंने गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों को निश्शुल्क बिजली कनेक्शन देने की बात भी कही। सीएम ने कहा कि अगर सरकारी खाद्यान्न बाजार में बिका तो दोषी अधिकारी निलंबित नहीं, बर्खास्त होंगे। भ्रष्टाचार, अराजकता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इससे पहले योगी ने जिला अस्पताल, गेहूं क्रय केंद्र, टांकोरी तालाब व प्राथमिक पाठशाला का निरीक्षण किया।
तीन दिन के बाद फाइल रुकी तो अफसर की जवाबदेही
मुख्यमंत्री ने अपने पहले दौरे में मिली खामियों को भले ही नजरअंदाज कर दिया हो लेकिन, उन्होंने अफसरों को नसीहत देने से परहेज नहीं किया। कहा कि तीन दिन तक किसी टेबल पर फाइल रुकी तो अफसर की जबावदेही होगी।
योगी पहुंचे जिला अस्पताल
मुख्यमंत्री सुबह पौने ग्यारह बजे जिला अस्पताल पहुंचे और 21 मिनट तक निरीक्षण किया। पहले वह ओपीडी ब्लॉक के इमरजेंसी रूम में पहुंचे। मरीजों से उपचार और अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में पूछा। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके गुप्ता से भी अस्पताल को उपकरणों की जानकारी ली। सीएमएस से चिकित्सकों की संख्या के बारे में भी पूछा।
काश ऐसी ही बनी रहें व्यवस्थाएं
झांसी का जिला अस्पताल गुरुवार को किसी नर्सिंग होम से कम नहीं नजर आ रहा था। कुछ मरीज तो व्यवस्थाओं को देखकर आश्चर्यचकित हो गए। हर वॉर्ड में डॉक्टर, नर्स, वॉर्ड ब्याय ड्रेस में थे। हाथों में दस्ताने, मुंह पर मास्क, नेम प्लेट सब दुरुस्त थे। मरीजों की बराबर देखभाल हो रही थी, तो सफाई व्यवस्था भी चकाचक थी।
तीन साल में खोदे गए तालाबों की होगी जांच
बांदा : पानी की समस्या से जूझते बुंदेलखंड में तमाम सरकारी मदद भी नाकाफी रही है। सिंचाई की छोडिय़े, यहां पीने के पाने के लाले पड़ते हैं। बुंदेलखंड की इस बड़ी समस्या के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने चित्रकूटधाम एवं झांसी मंडल की समीक्षा बैठक की। उन्होंने पेयजल संकट से उबरने के लिए तीन साल में खोदवाए गए तालाबों के जांच के आदेश मंडलायुक्त को दिए हैं। पेयजल व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों को मानक व गुणवत्ता के साथ पूरा करने को कहा। यह भी कहा कि मनरेगा से ज्यादा काम कराए जाएं। इसी तरह 14वां एवं राज्य वित्त के पैसे का खर्च भी गुणवत्ता के साथ होना चाहिए।
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एक महिला से पूछा की इलाज मिलता है, दवाई मिलती है। एक महिला ने जिला अस्पताल निरीक्षण के दौरान रो-रो कर अपनी पीड़ा सुनाई। सीएम वहां करीब 20 मिनट रुके। जिला अस्पताल में उनके इस सवाल पर पेशेंट ने कहा कि इलाज करवाया है। दवाई मिलती है।
Problem of water scarcity will end in two years if all the schemes approved by Prime Minister for Bundelkhand are implemented: UP CM pic.twitter.com/SYXx3mpDvn— ANI UP (@ANINewsUP) April 20, 2017
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इस दौरान एक महिला मरीज से पूछा- कैसी हो। जवाब मिला- अच्छी हूं। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर्स से पूछा कि मरीजों के लेटने की व्यवस्था है या नहीं। इसके बाद से इमरजेंसी से हृदय रोग केंद्र में गए। यहां अस्पताल में निरीक्षण के दौरान महेंद्र सिंह कॉलोनी की कुछ महिलाओं ने सीएम से समय से बिजली नहीं आने की शिकायत की। इस पर उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच करवाएंगे।
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अस्पताल के बाद मुख्यमंत्री ने झांसी कोतवाली का रुख किया। इसके बाद गल्ला मंडी विक्रय केंद्र पर गेहूं का नमूना देखा। वहां किसानों और कर्मचारियों से बात की। मंडी में उन्होंने किसानों से गेहूं की खरीद और समस्याओं के बारे में पूछा। किसानों ने कहा गेहूं बेचने में उन्हें देरी होती है।
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