हमीरपुर में डिप्टी जेलर की चाची की बेरहमी से हत्या, बंधक बना रस्सी से गला दबा मार डाला
Brutal Murder in Hamirpur हमीरपुर में बदमाशों ने डिप्टी जेलर की चाची शीलारानी की घर में घुसकर हत्या कर दी। उनके हाथ बांधकर रस्सी से गला घोंटा गया। शीलारानी ग्राम पंचायत के शौचालय में केयर टेकर थीं। घटना के समय वह घर में अकेली थीं क्योंकि उनके पति चित्रकूट गए हुए थे।

संवाद सहयोगी, जागरण, सरीला (हमीरपुर)। अमावस्या में स्वजन के चित्रकूट जाने पर सूने घर में मौजूद डिप्टी जेलर की चाची को बदमाशों ने घर में घुसकर पहले बंधक बनाया और फिर रस्सी से गला कसकर उनकी हत्या कर दी। हत्यारे बाहर से घर का दरवाजा बंदकर मौके से फरार हो गए। सुबह जब ग्रामीणों ने महिला का शव पड़ा देखा तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद घटना की जानकारी हो सकी।
महिला चार वर्षों से ग्राम पंचायत स्थित शौचालय में केयर टेकर के पद पर तैनात थी। पुलिस अधीक्षक डा. दीक्षा शर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार गुप्ता ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसपी ने चार टीमें गठित की हैं। जो अलग-अलग स्थानों में दबिश दे रही हैं। वहीं पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की है। इस घटना से गांव में खलबली मची हुई है।
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पति चित्रकूट गए थे दर्शन करने
थाना जरिया के बौखर गांव निवासी 55 वर्षीय शीलारानी उर्फ ललिता पत्नी नंदराम गांव के सामुदायिक शौचालय की केयर टेकर थी। अमावस्या के चलते पति नंदराम चित्रकूट दर्शन के लिए गए थे। जिसके चलते वह घर में अकेली थी। शनिवार की रात घर में घुसे बदमाशों ने शीलारानी को अकेला पाकर पहले कपड़े से कमर के पीछे हाथ बांधे और फिर रस्सी से गला कसकर उनकी हत्या कर दी। घटना के बाद आरोपित बदमाश बाहर से दरवाजा बंदकर फरार भी हो गए।
पड़ोसियों ने देखा शव
रविवार की सुबह करीब सात बजे पड़ोसियों को खिड़की से आंगन के पीछे वाले कमरे में शीलारानी का शव पड़ा दिखाई दिया। उनके हाथ पीछे की ओर कपड़े से बंधे हुए थे। यह देखकर गांव में खलबली मच गई और ग्रामीण एकत्र हो गए। सीओ राजकुमार पांडेय, थानाध्यक्ष जरिया मयंक कुमार चंदेल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं कुछ समय बाद एसपी डा. दीक्षा शर्मा व एएसपी मनोज गुप्ता भी आ गए और उन्होंने स्वजन व ग्रामीणों से घटना के बारे में जानकारी ली और मौके का निरीक्षण किया।
खाने की बात कहकर काट दिया था फोन
दिवंगत के भाई कपूर सिंह ने बताया कि शनिवार की रात करीब पौने आठ बजे उसकी बहन से करीब आधा घंटे बात हुई और फिर उसने खाना खाने की बात कहकर फोन काट दिया और सुबह हत्या की सूचना मिली। भाई ने बताया कि दिवंगत के पांच बेटियां और एक बेटा है । बड़ी बेटी सरिता की शादी हो चुकी है। दूसरी बेटी पूजा रेलवे में नौकरी करती है। तीसरी बेटी श्रीकांति और चौथी रूबी की भी शादी हो चुकी है। पांचवीं बेटी दीपशिखा पुलिस में भर्ती होकर वाराणसी में ट्रेनिंग कर रही है। बेटा दीपेश प्रयागराज में परीक्षा की तैयारी कर रहा है। दिवंगत का भतीजा प्रिंस राजपूत ललितपुर में डिप्टी जेलर है और देवरानी सहायक अध्यापक है।
चार टीमें गठित की गईं
एसपी डा. दीक्षा शर्मा ने बताया कि महिला के हाथ पीछे से बंधे हुए थे, गले पर डोरी जैसे निशान थे तथा माथे पर सूजन थी और नाक से खून निकल रहा था। जमीन पर भी खून फैला हुआ था, हालांकि किसी तरह की लूट या जेवरात गायब होने की पुष्टि नहीं हुई है। महिला के गले में लाकेट और कानों में झुमके शरीर में मौजूद मिले। आरोपितों की तलाश के लिए चार टीमें गठित की गई हैं जो अलग-अलग स्थानों में दबिश दे रही हैं। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।
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महिला की निर्मम हत्या के बाद रोते बिलखते स्वजन। जागरण
हत्यारों ने नहीं खाने दिया खाना, शव के पास थाली में रखा मिला भोजन
हत्या से पहले दिवंगत महिला खाना खाने की तैयारी में थी। लेकिन हत्यारों ने उसे खाना भी नहीं खाने दिया। यह अनुमान सुबह महिला के शव के पास थाली में रखे भोजन से लगाया जा रहा है। वहीं रात में दिवंगत की उसके भाई से बात हुई थी। करीब 22 मिनट तक चली बात के बाद महिला ने खाना खाने की बात कहते हुए फोन काट दिया था। भाई कपूर सिंह ने बताया कि शनिवार शाम 7:42 बजे उनकी बहन से 22 मिनट बातचीत हुई थी। बातचीत के दौरान बहन ने कहा था कि तुम खाना खा लो, मैं भी खा लेती हूं और सुबह सूचना मिलने पर वह जब गांव पहुंचा तो देखा कि थाली में खाना वैसे ही रखा था। भाई ने आशंका जताई कि बातचीत के तुरंत बाद ही बहन की हत्या कर दी गई होगी। मृतका शीलारानी उर्फ ललिता पिछले चार वर्षों से ग्राम पंचायत के सामुदायिक शौचालय की केयर टेकर थी।
छत के रास्ते घर में घुसे होंगे हत्यारे, पुलिस जांच में जुटी
दिवंगत के पति नंदराम के पारिवारिक भाई लल्लू का कहना है कि घर के चारों तरफ बाउंड्री बनी है आगे के कमरों में छत की ढलाई होनी थी। इसीलिए छत से अंदर जाने का रास्ता था हो सकता है हमलावर छत के रास्ते घर में घुसे हों और हत्या कर बाहर से दरवाजा बंद कर फरार हो गए। यदि उनका भाई नंदराम चित्रकूट न गया होता तो यह घटना न होती। इस घटना से पूरे गांव में शोक छाया हुआ है।
फील्ड यूनिट टीम सक्रिय , खंगाले जा रहे कैमरे
आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसपी ने चार टीमें लगाई हैं। फील्ड यूनिट टीम भी सक्रिय हो गई है। एसपी ने बताया कि जरिया थाने की दो टीमों के अलावा सर्विलांस और एसओजी टीम घटना के अनावरण के लिए लगाई गई है। वहीं फील्ड यूनिट की टीम ने भी मौके पर जाकर घटना स्थल का जायजा लिया है। सभी टीमें गांव में लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाल रही हैं ताकि आरोपितों तक पहुंचा जा सके। वहीं पुलिस कुछ लोगों को हिरासत में पूछताछ कर रही है।
मिल सकता था अहम सुराग
डाग स्क्वायड नैरो के निधन के बाद हो रही हत्या, लूट और चोरी की घटनाओं का राजफाश करने में पुलिस को परेशानी हो रही है। ऐसे में पुलिस को नैरो की काफी कमी खल रही है। यदि नैरो होता तो शायद पुलिस को इस घटना में अहम सुराग मिल जाते और जल्द घटना का राजफाश हो जाता।
ग्रामीणों से घटना को लेकर जानकारी करते सीओ और अन्य पुलिस कर्मी। जागरण
पति की गवाही तो नहीं बनी हत्या का कारण, पांच दिन पूर्व हुई थी दो लोगों को सजा
वर्ष 2011 में बौखर गांव में हुए जानलेवा हमले के मामले में मृतका का पति मुख्य गवाह था। जिसकी गवाही पर बीते 17 सितंबर को गांव के ही पिता-पुत्र को जानलेवा हमले के मामले में दस-दस वर्ष की सजा और जुर्माना हुआ था। ग्रामीण इसी फैसले को लेकर महिला की हत्या होने की चर्चा कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस घटना को लेकर लगातार जांच पड़ताल में जुटी हुई है। मृतका के पति नंदराम के पारिवारिक भाई लल्लू ने बताया कि नंदराम 307 के मुकदमे में गवाह था। जो गांवदारी की बुराई है, बड़ी दुश्मनी किसी से नही थी।
बीते 13 मई 2011 को बौखर गांव निवासी दिलीप कुमार ने तहरीर दी थी कि उसके चाचा जय सिंह किराना की दुकान से सामान लेकर घर आ रहे थे। तभी गांव निवासी राजेंद्र सिंह पुत्र बद्री प्रसाद, वीरेंद्र पुत्र राजेंद्र सिंह व लच्छी प्रसाद पुत्र बारेलाल शराब के नशे में अपने घर के दरवाजे पर बैठे थे। चाचा जय सिंह को देख उक्त तीनों लोग गाली गलौज करने लगे। चाचा के मना करने पर तीनों लोगों ने तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी। तभी राजेंद्र सिंह ने चाचा जय सिंह के दाहिने कंधे में गोली मार दी। जिस पर चाचा जय सिंह घायल होकर बेहोश हो गया था। जिसमें मृतका का पति नंदराम व लाखन सिंह मुख्य गवाह था।
17 सितंबर को मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश (दप्रक्षे) अनिल कुमार खरवार ने बौखर गांव निवासी आरोपित राजेंद्र सिंह व वीरेंद्र सिंह को 10-10 वर्ष की सजा सुनाते हुए 5500-5500 रुपये जुर्माना लगाया था। इस सजा को लेकर ग्रामीण उक्त घटना के होने की आशंका जता रहे हैं। फिलहाल पुलिस हर पहलू में जांच में जुटी हुई है और जल्द ही घटना का खुलासा करने का दावा कर रही है।
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