Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गंगा के बाद सरयू में शुरू हुआ बढ़ाव, बाढ़ क्षेत्र की दुश्वारियां बढ़ा रही बीमारी, नदी में समा रहे घर

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 07:37 PM (IST)

    बलिया जिले में गंगा का जलस्तर घटने लगा है लेकिन सरयू में जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ के कारण गांवों में बीमारियां फैल रही हैं क्योंकि लोगों को दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। परवल की फसल नष्ट होने से किसान परेशान हैं।

    Hero Image
    अब सरयू में शुरू हुआ बढ़ाव, बाढ़ क्षेत्र की दुश्वारियां बढ़ा रही बीमारी।

    जागरण संवाददाता, बलिया। जनपद में गंगा का जलस्तर अब तेजी से कम हो रहा है, लेकिन सरयू में सोमवार से बढ़ाव शुरू हो गया है। प्रतिघंटा दो सेमी बढ़ाव हो रहा है। सरयू का जलस्तर तुर्तीपार में रविवार को शाम चार बजे 63.460 मीटर पर दर्ज किया गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सोमवार को जलस्तर 63.780 मीटर पर पहुंच गया। यहां खतरा निशान 64.010 पर है। इससे तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। गंगा के बाढ़ से डूबे गांवों में दुश्वारियाें के चलते कई तरह की बीमारियां फैल रहीं हैं।

    यह भी पढ़ें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्रावास के छात्रों के बीच झड़प, तनाव का माहौल, देखें वीड‍ियो...

    दूषित पानी पीने के कारण लोग वायरल फीवर, सर्दी-खांसी व डायरिया के चपेट में भी आ रहे हैं। दरअसल बाढ़ क्षेत्र के हैंडपंप से भी स्वच्छ पानी नहीं निकल रहा है। प्रशासन की ओर से टैंकर से पानी की व्यवस्था नहीं की गई है ताकि लाेगों को राहत मिले। मजबूरी में लोग हैंडपंप का पानी पीकर बीमार हो रहे हैं। पिछले बाढ़ के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम भी बाढ़ चौकी पर तैनात रहती थी, इस बार यह व्यवस्था नहीं हैं।

    घर के आसपास पानी जमा होने के कारण संड़ाध से रहना मुश्किल हो गया है। बैरिया क्षेत्र के भगवान टोला में कोई मदद नहीं पहुंच रही है। लालगंज, चांददियर, दुबे छपरा, बेलहरी क्षेत्र में भी बाढ़ के कारण लोगों की मुसीबत बढ़ी हुई है। बाढ़ क्षेत्र के लोगों ने बताया कि प्रशासन के लोग पानी कम होते ही सुविधाएं बंद कर देते हैं, जबकि दशहरा तक बाढ़ का खतरा बना रहता है। सोमवार को गंगा का जलस्तर 59.02 मीटर पर दर्ज किया गया। गंगा का जलस्तर भी अभी खतरा निशान से 1.405 मीटर पर है।

    यह भी पढ़ेंवाराणसी में तनवीर अख्‍तर ने युवती से की थी छेड़खानी, अब पर‍िजन गाली-गलौज कर दे रहे हैं धमकी

    परवल फसलों की हुई क्षति, किसान मायूस

    मझौंवा : जनपद में 300 एकड़ में परवल की खेती होती है। विभिन्न क्षेत्रों में पहली बार के बाढ़ में ही परवल की फसल नष्ट हो चुकी है। गायघाट क्षेत्र के कुछ इलाकों में परवल की फसल बची थी, वह इस बार के बाढ़ में नष्ट हो गई है। हालांकि किसान जुलाई माह तक को परवल का सीजन मानते हैं। अक्टूब्र से नए पौधों की राेपाई शुरू हो जाती है, लेकिन अन्य सब्जी की फसल की बोआई किसान पहले से करने लगते हैं। किसान शंभू नाथ, अजय, संजय ओझा, कुंवर सिंह आदि का कहना है कि परवल की फसल बचे रहने पर उत्पादन सितंंबर तक होता है। बड़ी बात यह कि बाढ़ क्षेत्र के किसानों फसल नष्ट होने पर कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।

    बाढ़ से प्रभावित परिवारों में वितरित किए राशन किट

    नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत गंगा नदी के बाढ़ से प्रभावित परिवारों के बीच जिलाधिकारी बलिया के निर्देश पर नायब तहसीलदार भोले शंकर राय के द्वारा यारपुर एवं मोहम्मदपुर मौजे के परिवारों के बीच राहत सामग्री के 400 किट वितरित किया गया। वितरण के पूर्व बाढ प्रभावित परिवारों को चिन्हित कर उनकी सूची बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि सभी पीड़ितों को राशन किट दिया जाएगा। इसके लिए पहले से सूची बनी हुई है। क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक विष्णु कुमार शुक्ला, अरविंद सिंह क्षेत्रीय लेखपाल, विवेक सिंह एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    यह भी पढ़ें बनारस में जमीन से पांच फीट ऊपर दोनों ओर नाले पर बना द‍िया फुट ओवरब्रि‍ज

    बाढ़ का पानी गया पर कम नहीं हुई पीड़ितों की मुश्किलें

    फेफना (बलिया): स्थानीय क्षेत्र में बाढ़ का पानी भले ही कम होने लगा हो, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई है। पानी उतरने के बाद सड़कों और गांवों के आसपास जमा कचरे व घास-पात के सड़ने से चारों तरफ दुर्गंध फैलने लगी है, जिससे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। चेरुइंया, बैरयां, गंगहरा, तीखा,सिंहपुर, नरहीं सहित दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी अपने साथ गंदगी और कचरा लाता है, इससे पीने का पानी दूषित हो जाता है। डायरिया, टाइफाइड, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां फैल सकती हैं। तीखा निवासी अशोक साहनी, बैरिया निवासी हीरा राजभर, छोटकी नरही चेरूईया निवासी सोनू कुमार व सुनील भारती ने कीटनाशक दवा छिड़काव करने की है।

    यह भी पढ़ें : मीरजापुर से तय होता है भारत का मानक समय, जानिए कैसे तय हुआ था इंडियन स्टैंडर्ड टाइम

    comedy show banner
    comedy show banner