Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    10 हजार की नौकरी, सीजीएसटी नोटिस 4.82 करोड़ का... बेटी की अच्छी परवरिश के लिए नौकरी की तलाश कर रहा था पीड़ित

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 07:21 AM (IST)

    बदायूं में दवा विक्रेता रामबाबू पाल के नाम से 27 करोड़ का फर्जी कारोबार सामने आया है। नौकरी के नाम पर मांगे गए दस्तावेजों से फर्म बनाकर जीएसटी चोरी की गई। पीड़ित को 4.82 करोड़ का नोटिस मिला है। जांच में स्थानीय गिरोह और विभागीय मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

    Hero Image
    अपने पिता के साथ बैठकर नोटिस दिखाते रामबाबू। जागरण

    अंकित गुप्ता, जागरण बदायूं। शहर के मेडिकल स्टोर पर दस हजार रुपये की सेल्समैनी करने वाले रामबाबू के घर एक साल पहले ही बेटी ने जन्म लिया था। बेटी की बेहतर परवरिश के लिए वह अच्छी नौकरी की तलाश में जुटा था, जिससे उसे दस हजार रुपये से ज्यादा मिल सके। इसी नौकरी की तलाश में उसने अपने कागजात एक गिरोह को सौंप दिए और वह करोड़ों की टैक्स चोरी के झमेले में फंस गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस मामले से बचने के लिए उसने सेंट्रल जीएसटी कार्यालय के साथ शुक्रवार को एसएसपी बदायूं को भी शिकायती पत्र दिया है। उसने कहा कि उसकी हैसियत करोड़ों के व्यापार करने लायक नहीं है। सेंट्रल जीएसटी से जुड़े अधिकारी भी इस बात को स्वीकार रहे हैं। लेकिन फिलहाल जांच पूरी होने तक तो रामबाबू के सामने परेशानियां सामने खड़ी रहेंगी।

    मेडिकल में सेल्समैन हैं

    सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के गांव नौसेरा निवासी रामबाबू शहर के इंद्रा चौक स्थिति साेनू मेडिकल पर सेल्समैन है। उसक पिता बदन सिंह शाहजहांपुर के तिलहर स्थित चीनी मिल में चौकीदार से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। परिवार में उनके माता पिता के अलावा पत्नी और एक साल की बेटी है। दो बहनों की शादी करनी है, दो बहनों की शादी हो चुकी है। बताया कि पिता के सेवानिवृत्त होने के बाद परिवार की जिम्मेदारी पूरी तरह से उन पर ही आ गई थी।

    अच्छी नौकरी के लिए सर्च की ऑनलाइन जॉब

    रामबाबू कहते हैं कि पिछले साल ही बेटी का जन्म हुआ था। बेटी की अच्छी परवरिश हो इसके लिए उन्होंने सोचा कि कोई और नौकरी की जाए, जिसमें अच्छी सैलरी मिले। इसके बाद ही उन्होंने ऑनलाइन जाब सर्च करना शुरू किया था। जिसके बाद वह इस फर्जीवाड़े के शिकार हो गए। बताया कि जब सेंट्रल जीएसटी ऑफिस से नोटिस आया तो उनके व पूरे परिवार के होश उड़ गए थे। लेकिन उन्हें मामला समझते देर नहीं लगा, वह तत्काल समझ गए थे कि जिसे अपने प्रपत्र दिए थे, उन्हीं ने यह फर्जीवाड़ा किया है।

    इस मामले की शिकायत एसएसपी से किए जाने पर उन्होंने सीओ सिटी रजनेश उपाध्याय को मामले की जांच सौंपी है।

    मामले की जांच कर रहे अधिकारी

    बदायूं से दिल्ली भेजा गया करीब 27 करोड़ का स्क्रेप सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच कर रहे सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों ने जो जांच की है, उसमें निकल कर आया है कि बदायूं के ही किसी व्यक्ति ने यहां से करीब 27 करोड़ का स्क्रैप दिल्ली भेजा है। जिससे आशंका व्यक्त की जा रही है कि रामबाबू के कागजों को हथियाने वालों ने उनको बदायूं के ही किसी व्यक्ति को दिया। उसने स्थानीय होने के नाते इसका उपयोग किया और आनलाइन आवेदन प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए सेंट्रल जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करा लिया। इतना ही नहीं इसमें जो आइसीआइसीआइ को जो खाता नंबर लिखा है, वह भी फर्जी है।

    संबंधित खबरः 10 हजार रुपये सैलरी पाने वाले रामबाबू के घर पहुंचा GST का नोट‍िस, बकाया रकम देख पैरों तले खि‍सक गई जमीन

    Read Also: Illegal Conversion Racket: मतांतरण गैंग में पाकिस्तानी स्लीपर मॉड्यूल का संदेह! रिवर्ट मुस्लिम ग्रुप की जांच

    मतांतरित गिरोह के चंगुल से बचाई युवतियों ने बताई सच्चाई, 'मुस्लिम युवकों से निकाह नहीं करना चाहतीं थीं'