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Google Go: क्या आपके फोन में है गूगल का ये धांसू ऐप, स्लो इंटरनेट कनेक्शन में भी तेजी से करता है काम

What Is Google Go App How It Works स्मार्टफोन में वेब सर्च की जरूरत हर दूसरे यूजर को होती है। हालांकि कई बार स्लो इंटरनेट कनेक्शन के साथ वेब सर्च को लेकर परेशानी आती है। ऐसे में आप गूगल के ही एक ऐप Google Go का इस्तेमाल करते हैं। यह ऐप साल 2017 में लाया गया है। गूगल की ओर से यूजर्स के लिए यह एक लाइट वेट ऐप है।

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaPublished: Sun, 25 Jun 2023 03:10 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jun 2023 03:10 PM (IST)
What Is Google Go App How It Works

नई दिल्ली, टेक डेस्क। हर इंटरनेट यूजर चाहता है कि उसका ब्राउजर सेकंड भर में सर्च रिजल्ट को सामने रख दे। हालांकि, एक अच्छे इंटरनेट कनेक्शन के साथ यह काफी हद तक मुमकिन भी है, लेकिन कई बार स्लो इंटरनेट की वजह से वेबसाइट खुलने में मिनट भर का समय तक लग जाता है।

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ऐसे में यूजर या तो फोन के डेटा को ऑन-ऑफ कर वापिस ब्राउजर पर आता है या झुंझला कर फोन बिना इस्तेमाल किए रख ही देता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो ये आर्टिकल आपके काम का हो सकता है। इस आर्टिकल में आपको गूगल के ही एक ऐप के बारे में बता रहे हैं, जिनकी जानकारी बहुत कम यूजर्स को है-

Google Go क्या है?

दरअसल यूजर की सुविधा के लिए गूगल एक लाइटवेट और फास्ट ऐप को पेश करता है। गूगल के इस ऐप का नाम Google Go है। इस ऐप की मदद से यूजर ऑनलाइन जानकारियों को एक्सेस कर सकता है।

गूगल का दावा है कि यूजर के लिए यह सर्विस एक अनस्टेबल कनेक्शन के साथ भी बेहतर काम करती है। यानी अगर किसी स्थिति में यूजर का इंटरनेट कनेक्शन स्लो है तो भी उसे इंटरनेट सर्च के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं होगी।

कौन-से यूजर्स कर सकते हैं Google Go का इस्तेमाल?

यूजर की जरूरत को ध्यान में रखते हुए गूगल की इस सर्विस को साल 2017 में पेश किया गया है। गूगल की इस सर्विस का इस्तेमाल भारतीय यूजर्स भी कर सकते हैं।

किन-किन सुविधाओं के साथ आती है Google Go सर्विस?

गूगल गो एक ऐप के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। कंपनी ने गूगल सर्च के होते हुए भी गूगल गो को पेश किया है। गूगल गो यूजर के लिए कई बेहतर सुविधाओं के साथ लाया गया है-

गूगल गो यूजर के लिए रीडिंग को बनाता है आसान

गूगल गो में कंपनी ने लेंस की सुविधा जोड़ी है। गूगल लेंस की मदद से यूजर रीडिंग, ट्रांसलेशन और कैमरा की मदद से किसी टेक्स्ट को खोजने में मदद पा सकता है।

गूगल गो पर लेंस आइकन पर क्लिक करने के साथ ही फोन का कैमरा ऑन हो जाता है। कैमरे से किसी पर्टिकुलर वर्ड पर पॉइन्ट करने के साथ ही वर्ड के उच्चारण को सुनने और ट्रांसलेशन की सुविधा मिलती है।

पढ़ना नहीं चाहते तो सुन कर किया जा सकता है काम

गूगल का ये ऐप इसलिए भी खास है क्योंकि ऐप में यूजर को एआई पावर्ड रीड आउट लाउड फीचर की सुविधा मिलती है।

यह फीचर उन यूजर्स के लिए काम है जो वेब सर्च के दौरान लंबे आर्टिकल्स को पढ़ना एक उबाऊ और थकान भरा काम समझते हैं। इस फीचर की मदद से यूजर गूगल गो में किसी आर्टिकल को बिना पढ़े सुन सकता है।

कम स्टोरेज और स्लो इंटरनेट कनेक्शन का समाधान गूगल गो

इंटरनेट सर्च की जरूरत को किसी भी स्थिति में टाला नहीं जा सकता है। हालांकि, कई बार स्मार्टफोन यूजर के डिवाइस में स्टोरेज का इशू भी होता है। ऐसे में फोन में ज्यादा ऐप्स को डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। गूगल गो की बात करें तो गूगल की यह सुविधा कम स्टोरेज के साथ आती है।

इतना ही नहीं, यह ऐप स्लो इंटरनेट कनेक्शन में ही बेहतर काम करता है। किसी स्थिति में गूगल गो के इस्तेमा के दौरान कनेक्शन पूरी तरह से लॉस्ट हो जाता है तो यूजर दोबारा ऑनलाइन आने पर गूगल गो पर सर्च रिजल्ट को पा सकता है। क्योंकि गूगल गो यूजर की प्लेस को याद रखने की खूबी के साथ लाया गया है।

गूगल गो का कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल?

गूगल के प्ले स्टोर से Google Go सर्च कर ऐप को फोन में इन्स्टॉल किया जा सकता है। यह ऐप सभी एंड्रॉइड यूजर्स के लिए उपलब्ध है। अगर फोन में एंड्रॉइड लोलिपॉप वर्जन (Android 5.0) या इससे ऊपर का एंड्रॉइड वर्जन है तो ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है।


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