Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Vastu Tips: घर में गंगाजल रखते समय कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां? जानें क्या कहता है शास्त्र और वास्तु

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 06:51 PM (IST)

    Vastu Shastra: गंगाजल केवल जल नहीं, आस्था का प्रतीक है। इसे घर में रखना सौभाग्य की बात है, लेकिन इसकी पवित्रता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। अगर, आप ...और पढ़ें

    Hero Image

    कैसे करें गंगाजल का इस्तेमाल (Image Source: AI-Generated)

    Zodiac Wheel

    वार्षिक राशिफल 2026

    जानें आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा आने वाला नया साल।

    अभी पढ़ें

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में गंगाजल को न केवल पवित्र नदी का जल माना जाता है, बल्कि इसे साक्षात अमृत का दर्जा दिया गया है। मान्यता है कि जिस घर में गंगाजल होता है, वहां नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं कर पातीं। हालांकि, News18 की रिपोर्ट और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि घर में गंगाजल रखते समय कुछ नियमों का पालन न किया जाए, तो इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां गंगाजल को घर में रखने के कुछ बेहद महत्वपूर्ण नियम और सावधानियां दी गई हैं:

    गंगाजल रखने के नियम: क्या करें और क्या न करें

    1. पात्र का चुनाव (प्लास्टिक से बचें):

    अक्सर लोग हरिद्वार या ऋषिकेश से प्लास्टिक की बोतलों में गंगाजल भरकर लाते हैं और उसे वैसे ही रख देते हैं। शास्त्रों के अनुसार, गंगाजल को कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में नहीं रखना चाहिए। प्लास्टिक को अशुद्ध माना जाता है। इसे हमेशा तांबे, पीतल, चांदी या कांच के पात्र में ही रखना चाहिए।

    2. सही दिशा और स्थान:

    गंगाजल को घर के किसी भी कोने में नहीं रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसे हमेशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखना सबसे शुभ होता है क्योंकि यह देवताओं की दिशा मानी जाती है। आप इसे अपने घर के मंदिर में भी रख सकते हैं।

    3. अंधेरे और गंदगी से दूर रखें:

    गंगाजल को कभी भी अंधेरे कमरे या अलमारी के ऐसे कोने में बंद करके न रखें जहाँ रोशनी न पहुँचती हो। साथ ही, इसके आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखें। इसे कभी भी किचन या बाथरूम के पास नहीं रखना चाहिए।

    4. शुद्धता का ध्यान (जूठे हाथों का प्रयोग न करें):

    गंगाजल को कभी भी बिना हाथ धोए या गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए। इसे छूने से पहले हमेशा स्नान करें या हाथ-पैर धोकर शुद्ध हो जाएं। घर में जहां गंगाजल रखा हो, वहां मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए, अन्यथा घर में अशांति और दरिद्रता आ सकती है।

    5. समय-समय पर छिड़काव:

    गंगाजल को केवल भरकर रखना ही काफी नहीं है। शुभ फलों के लिए समय-समय पर (विशेषकर पूर्णिमा या त्योहारों पर) पूरे घर में इसका छिड़काव करना चाहिए। इससे घर की वास्तु शांति होती है और नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।

    6. शनि दोष से मुक्ति:

    अगर किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है, तो शनिवार के दिन एक पात्र में साफ पानी लेकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं और इसे पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं। इससे शनिदेव का प्रकोप कम होता है।

    यह भी पढ़ें- सिर्फ परंपरा नहीं, एक सुरक्षा कवच है 'गृहप्रवेश'! जानें क्यों शास्त्रों में इसे जरूरी माना गया है

    यह भी पढ़ें- नजर उतारने का 'रामबाण' उपाय! जानें काला या सेंधा, किस नमक से पल भर में दूर होता है बुरा साया

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।