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    Papmochani Ekadashi के दिन इस मूलांक पर बरसेगी श्रीहरि की कृपा, फॉलो करें ये टिप्स

    वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi 2025) मनाई जाती है। अंक ज्योतिष (Mulank 7 Jyotish) और टैरो कार्ड रीडर पल्लवी एके शर्मा के अनुसार 25 मार्च का दिन मूलांक 07 के व्यक्ति के लिए खास रहने वाला है लेकिन इसके लिए जातक को एंजल की टिप्स को फॉलो जरूर करना चाहिए।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 25 Mar 2025 10:43 AM (IST)
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    Today Numerology Prediction: कैसा रहेगा आज का दिन?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। 25 March 2025 Numerology Prediction: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार पापमोचनी एकादशी व्रत आज यानी 25 मार्च को किया जा रहा है। अंक ज्योतिष के अनुसार, आज यानी 25 मार्च (Numerology 25 March) का दिन मूलांक 07 के जातकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। जातक पर श्रीहरि की कृपा बरसेगी।

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    इस मूलांक के स्वामी केतु देव हैं। इस मूलांक के लोग आध्यात्मिक खोज की तलाश में रहते हैं। ऐसे में अंक ज्योतिष और टैरो विशेषज्ञ पल्लवी एके शर्मा से चलिए जानते हैं कि मूलांक 07 के लोगों का कैसा रहेगा आज का दिन?

    यह भी पढ़ें: Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी पर इस विधि से करें पूजा, नोट करें पारण समय, मंत्र और शुभ मुहूर्त

    इन बातों का रखें ध्यान

    • अपने मन की सुनें। इससे आपका सबसे अच्छा मार्गदर्शन होगा।
    • नए काम का प्लान बनाएं।
    • अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करें।
    • अपनी बुद्धि, शक्ति, संसाधनों का इस्तेमाल करें।
    • आने वाले समय में विचारों को तलाशने का अच्छा समय है।
    • पापमोचनी एकादशी पर प्रभु से माफी मांगकर दिव्य ऊर्जाओं के साथ जुड़ें।

    इन कार्यों से बनाएं दूरी

    • अहंकारी होना।
    • सनकी होना।

    आज कुछ देर के लिए बिना रुके इसका जाप करें - ''मैं प्यार, शांति और खुशी का पात्र हूं।''

    इन मंत्रों का करें जप

    • ॐ नमः शिवाय।
    • ॐ गं गणपतये नमः शिवाय.
    • ॐ हुं हनुमते नमः
    • सच्चे मने से हनुमान चालीसा का पाठ करें।

    भगवान विष्णु के मंत्र

    1. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

    विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।

    लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

    वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥

    2. ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

    अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय

    त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

    श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।