New Year 2026: नए साल के पहले दिन शुभ और शुक्ल समेत बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, बरसेगी शिवजी की कृपा
1 जनवरी को पौष माह की शुक्ल त्रयोदशी तिथि है, जिस दिन गुरु प्रदोष व्रत और रोहिणी व्रत का संयोग बन रहा है। इस दिन शुभ, शुक्ल और शिववास जैसे ...और पढ़ें
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नए साल के दिन क्या करें और क्या न करें?

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अभी पढ़ेंधर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 01 जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर गुरु प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। साथ ही रोहिणी व्रत का भी संयोग है।

ज्योतिषियों की मानें तो गुरु प्रदोष व्रत के दिन यानी नए साल के पहले दिन शुभ और शुक्ल समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवन शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होगा। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलेगी। आइए, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-
शुभ मुहूर्त (New Year 2026 Shubh Muhurat)
01 जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का संयोग देर रात 10 बजकर 22 मिनट तक है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव की पूजा की जाएगी। नए साल के पहले दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ समय संध्याकाल में शाम 05 बजकर 04 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 45 मिनट तक है।
नव वर्ष शुभ योग (New Year 2026 Shubh Yoga)
नए साल के पहले दिन शुभ योग का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के शुभ कार्यों में सफलता मिलेगी। साथ ही साधक पर शिवजी की कृपा बरसेगी। शुभ योग का संयोग शाम 05 बजकर 12 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल योग का संयोग है।
पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर शुक्ल योग का संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण शाम 05 बजकर 13 मिनट से हो रहा है। ज्योतिष शुक्ल योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होगी।
शिववास योग
नए साल के पहले दिन शिववास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन देवों के देव महादेव कैलाश पर नंदी की सवारी करेंगे। शिववास योग में महादेव का अभिषेक करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 35 मिनट पर
- चन्द्रोदय- शाम 03 बजकर 14 मिनट पर
- चन्द्रास्त- सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 08 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 33 मिनट से 06 बजे तक
- निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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