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    Mahashivratri 2025 Date: फरवरी महीने में कब है महाशिवरात्रि? नोट करें शुभ योग एवं मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 03 Feb 2025 05:06 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025 Date) के शुभ अवसर पर श्रवण नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। इसके साथ ही भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही हर मनोकामना पूरी होगी। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।

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    Mahashivratri 2025 Date: महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में शिवरात्रि पर्व का खास महत्व है। यह पर्व हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।

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    धार्मिक मत है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। साधक श्रद्धा भाव से महाशिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव की पूजा करते हैं। अगर आप भी महादेव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो महाशिवरात्रि के दिन भक्ति भाव से शिव-शक्ति की पूजा करें। आइए, महाशिवरात्रि की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    महाशिवरात्रि 2025 कब है? (Mahashivratri 2025 Date And Time)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर चतुर्दशी तिथि की समाप्ति होगी। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर निशा काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। अत: 26 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी।

    महाशिवरात्रि पूजा समय

    महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर 26 फरवरी को शाम 06 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 26 मिनट के मध्य पूजा कर सकते हैं। इसके बाद रात 09 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 34 मिनट के मध्य पूजा का शुभ समय है। इस समय में देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होगी। साधक 27 फरवरी के दिन पारण कर सकते हैं। 27 फरवरी को साधक सुबह 06 बजकर 48 मिनट से लेकर 08 बजकर 54 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।

    पंचांग 

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 49 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 19 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 09 मिनट से 05 बजकर 59 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से 03 बजकर 15 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजे से 17 बजकर 42 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।