Mahashivratri 2025 Date: कब है महाशिवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
सनातन धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025 Date) पर्व का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में शिव-शक्ति की विशेष पूजा की जाती है। भगवान शिव के शरण में रहने वाले साधकों को सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। ज्योतिष भी शीघ्र विवाह के लिए शिवरात्रि व्रत रखने की सलाह देते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है।
धार्मिक मत है कि महाशिवरात्रि तिथि पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी हो जाती है। आइए, महाशिवरात्रि की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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महाशिवरात्रि 2025 कब है? (Mahashivratri 2025 Date And Time)
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर होगी। वहीं, 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का समापन होगा। महाशिवरात्रि पर निशा काल में शिव-शक्ति की पूजा की जाती है। अत: 26 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी।
महाशिवरात्रि पूजा समय
ज्योतिषियों की मानें तो महाशिवरात्रि पर पूजा का समय 26 फरवरी को शाम 06 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 26 मिनट तक है। इसके बाद रात 09 बजकर 26 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 34 मिनट तक शिव-शक्ति की पूजा कर सकते हैं। इस समय में साधक देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा, साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर भी देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पारण समय
साधक 27 फरवरी को सुबह 06 बजकर 48 मिनट से लेकर 08 बजकर 54 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। इस समय पूजा-पाठ के बाद अन्न दान कर व्रत खोलें।
महाशिवरात्रि योग (Mahashivratri 2025 Yoga)
ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भद्रावास का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होगी। इसके अलावा, कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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