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    Mahashivratri 2025 Date: कब मनाई जाएगी महाशिवरात्रि? एक क्लिक में जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    सनातन धर्म में महाशिवरात्रि व्रत को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो साधक कठिन उपवास का पालन करते हैं और विधिवत शिव पूजन करते हैं उन्हें भोलेनाथ की कृपा सदैव के लिए प्राप्त होती तो चलिए इस दिन (Mahashivratri 2025) से जुड़ी पूरी जानकारी यहां जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 21 Dec 2024 06:06 PM (IST)
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    Mahashivratri 2025 Date: महाशिवरात्रि 2025 पूजा विधि और मंत्र।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक माना जाता है। इस दिन का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। यह पर्व भगवान शिव और देवी शक्ति के मिलन का प्रतीक है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर महीने की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि आती है, जिसे मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है, लेकिन महाशिवरात्रि साल में केवल एक ही बार फाल्गुन महीने में मनाई जाती है। इस दिन शिव भक्त शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं, तो आइए साल 2025 में यह (Mahashivratri 2025) कब मनाई जाएगी यहां पर उसकी डेट व शुभ मुहूर्त जानते हैं।

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    महाशिवरात्रि 2025 कब है? (Mahashivratri 2025 Date And Time)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि की समाप्ति अगले दिन यानी 27 फरवरी को सुबह को 08 बजकर 54 मिनट पर होगी। पंचांग को देखते हुए महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी, क्योंकि इस दौरान निशिता काल की पूजा का महत्व है।

    महाशिवरात्रि 2025 पूजा विधि (Mahashivratri 2025 Puja Vidhi)

    महाशिवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान करें। भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लें। भक्त घर पर या मंदिर में जाकर पूजा कर सकते हैं। इस दिन लोग आमतौर पर शिव मंदिर जाते हैं और रात के समय घर पर शिव पूजन करते हैं। सबसे पहले भगवान शंकर की प्रतिमा और शिवलिंग का जलाभिषेक करें। उन्हें अलग-अलग फूल, बेलपत्र, भांग और धतूरा आदि चीजें चढ़ाएं। इसके बाद सफेद चंदन से भोलेनाथ के माथे पर त्रिपुंड बनाएं। देसी घी का दीपक जलाएं और ठंडई व खीर का भोग लगाएं। रुद्राक्ष की माला से "महामृत्युंजय मंत्र" और पंचाक्षरी मंत्र का 108 बार जाप करें।

    महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए देवी पार्वती को शृंगार की सामग्री अर्पित करें। आरती से पूजा का समापन करें। अंत में पूजा के दौरान हुई सभी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।

    शिव जी पूजन मंत्र (Shiv Ji Mantra)

    1. ॐ नमः शिवाय।।

    2. ॐ पार्वतीपतये नमः।।

    3. ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

     उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।