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    शिवलिंग पर जल ही नहीं, ये चीजें चढ़ाने से भी प्रसन्न होते हैं भोलेनाथ, क्या कहता है शिव पुराण?

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 02:40 PM (IST)

    धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महादेव केवल बाहरी वस्तुओं के नहीं बल्कि भक्त के भाव के भूखे हैं। यदि आपके पास कोई सामग्री न हो, तो केवल एक लोटा जल और सच्ची ...और पढ़ें

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    महादेव को खुश करने के उपाय (Image Source: AI-Generated)

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में भगवान शिव को 'देवों के देव महादेव' कहा जाता है। वे अत्यंत भोले और शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माने जाते हैं। शिव पुराण और अन्य प्राचीन धर्मग्रंथों के अनुसार, महादेव की पूजा में प्रयुक्त होने वाली हर सामग्री का एक विशिष्ट अर्थ और फल होता है। मान्यताओं के अनुसार, विधि-विधान से की गई शिव पूजा जीवन के समस्त कष्टों का निवारण कर सकती है।

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    धार्मिक पुराणों और शास्त्रों के अनुसार, शिवजी को ये वस्तुएं अर्पित करने से मिलते हैं विशेष लाभ:

    1. जल और गंगाजल (मानसिक शांति): शिव पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के समय विषपान करने के बाद महादेव के मस्तक को शीतलता प्रदान करने के लिए देवताओं ने उन पर जल अर्पित किया था। तब से शिवजी को जल अत्यंत प्रिय है। तांबे के लोटे से जल चढ़ाने से मन को शांति मिलती है और तनाव दूर होता है।

    2. बेलपत्र और धतूरा (दुखों का नाश): शास्त्रों में तीन पत्तों वाले बेलपत्र को महादेव की तीन आंखों और त्रिदेवों का प्रतीक माना गया है। इसे अर्पित करने से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है। वहीं, धतूरा चढ़ाने से भय और शत्रुओं का नाश होता है।

    Bhole baba

    (Image Source: AI-Generated)

    3. पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और शक्कर:

    दूध: उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए।

    दही: जीवन में स्थिरता और सुख-समृद्धि के लिए।

    घी: शारीरिक शक्ति और रोगों से मुक्ति के लिए।

    शहद: वाणी में मधुरता और समाज में सम्मान के लिए।

    शक्कर: सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए।

    4. गन्ने का रस और इत्र: पुराणों के अनुसार, लक्ष्मी प्राप्ति और आर्थिक संकटों से मुक्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करना सर्वोत्तम माना गया है। इत्र या सुगंधित द्रव्य अर्पित करने से व्यक्ति के विचारों में पवित्रता आती है।

    5. अक्षत (धन-धान्य): शिवलिंग पर साबुत चावल (अक्षत) चढ़ाने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती। ध्यान रहे कि चावल टूटा हुआ नहीं होना चाहिए, क्योंकि शिव पूजा में पूर्णता का महत्व है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।