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    New Year 2026: नए साल के पहले दिन पूजा के समय जपें ये सिद्ध मंत्र, पूरे साल बरसेगी महादेव की कृपा

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 07:30 PM (IST)

    01 जनवरी को गुरु प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। गुरु प्रदोष व्रत शत्रुओं के भय को समाप्त करता है और कर ...और पढ़ें

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 01 जनवरी को पौष माह का अंतिम प्रदोष व्रत है। गुरुवार के दिन पड़ने के चलते यह गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए व्रत रखा जाता है।

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    अगर आप भी भगवान शिव और देवी मां पार्वती की कृपा पाना चाहते हैं, तो नए साल के पहले दिन भक्ति भाव से महादेव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय महादेव के ये सिद्ध मंत्र का जप अवसर करें। इन मंत्रों के जप से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।

    शिव मंत्र (Shiv Mantra)

    1. सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

    उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥

    परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।

    सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥

    वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।

    हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥

    एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।।

    2. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    3. नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं।।

    4. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

    5. ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

    शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

    6. ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।

    7. "सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्र्यंबके गौरि नारायणी नमोस्तुते।।"

    8. हे गौरी शंकर अर्धांगिनी यथा त्वं शंकर प्रिया

    तथा माम् कुरु कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभाम्।"

    9. ‘मुनि अनुशासन गनपति हि पूजेहु शंभु भवानि।

    कोउ सुनि संशय करै जनि सुर अनादि जिय जानि‘।

    10. निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाश माकाश वासं भजेऽहं।।

    प्रदोष व्रत के लाभ

    सनातन शास्त्रों में प्रदोष व्रत की महिमा का वर्णन विस्तारपूर्वक किया गया है। इस व्रत का फल दिन अनुसार मिलता है। गुरु प्रदोष व्रत करने से शत्रु भय समाप्त होता है। साथ ही करियर और कारोबार संबंधी परेशानी दूर होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।