Lambodara Sankashti Chaturthi 2026: कब है लंबोदर संकष्टी चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को लंबोदर संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से घ ...और पढ़ें

भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें?

वार्षिक राशिफल 2026
जानें आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा आने वाला नया साल।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस शुभ तिथि पर लंबोदर संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। लंबोदर संकष्टी चतुर्थी के दिन साधक भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए चतुर्थी का व्रत रखते हैं।

सनातन शास्त्रों में निहित है कि भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख और शांति बनी रहती है। इसके साथ ही करियर या कारोबार को नई दिशा और दशा प्राप्त होती है। आइए, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-
लंबोदर संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, हर वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर लंबोदर संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि अगले साल प्रातः काल 08 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 07 जनवरी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से दिन की गणना होती है। अतः 06 जनवरी को लंबोदर संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।
लंबोदर संकष्टी चतुर्थी शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो लंबोदर संकष्टी चतुर्थी पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण रात 08 बजकर 21 मिनट तक है। इसके बाद आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। इस शुभ अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि और शिववास योग का भी संयोग है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 39 मिनट पर
- चंद्रोदय- शाम 08 बजकर 54 मिनट पर
- चंद्रास्त- सुबह 09 बजकर 35 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक
यह भी पढ़ें- New Year 2026: अगले साल इन 5 राशियों की शनिदेव लेंगे परीक्षा, इन बातों का जरूर रखें ध्यान
यह भी पढ़ें- New Year 2026: नए साल के पहले दिन शुभ और शुक्ल समेत बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, बरसेगी शिवजी की कृपा
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।