स्वर्ग की चाबी, इन 7 कामों को करने वाला मनुष्य सीधे जाता है देवलोक
गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो जीवन जीने की कला के साथ-साथ मृत्यु के बाद की स्थितियों का भी वर्णन करता है। इसमें भगवान विष्णु ने ...और पढ़ें

Garuna Purana: स्वर्ग की प्राप्ति कैसे होती है (AI-generated image)

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अभी पढ़ेंधर्म डेस्क, नई दिल्ली। गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के उन महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है, जो हमें जीवन में सही राह चुनने की सलाह देता है। साथ ही, मृत्यु के बाद की स्थितियों के बारे में भी विस्तार से बताता है। अक्सर लोग इसे केवल मृत्यु के बाद पढ़े जाने वाले ग्रंथ के रूप में जानते हैं, लेकिन वास्तव में इसमें जीवन जीने की बेहतरीन कला छिपी हुई है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु अपने वाहन गरुड़ को बताते हैं कि मृत्यु के बाद किसी भी मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ति तभी होती है जब उसके कर्मों का पलड़ा भारी होता है और उसका मन अत्यंत शुद्ध रहता है।
स्वर्ग की प्राप्ति केवल बड़ी-बड़ी पूजा-अर्चना से नहीं, बल्कि एक साधारण और नैतिक जीवन जीने से होती है। गरुड़ पुराण में आचार कांड और प्रेत कल्प के अनुसार, मृत्यु के बाद यमराज के दरबार में व्यक्ति के हर छोटे-बड़े काम का हिसाब किया जाता है। यहां स्वर्ग वह स्थान है जहां आत्मा अपने अच्छे कर्मों के बदले सुख और शांति का अनुभव करती है। आइए जानते हैं गरुड़ पुराण के अनुसार वे कौन से कर्म हैं जो इंसान को सीधे स्वर्ग ले जाते हैं:
सत्य और मधुर वाणी: गरुड़ पुराण के मुताबिक, जो व्यक्ति कभी झूठ नहीं बोलता और अपनी वाणी से दूसरों का दिल नहीं दुखाता, उसके लिए स्वर्ग के द्वार हमेशा खुले रहते हैं।
अन्न और जल का दान: भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। गरुड़ पुराण में 'अन्नदान' को महादान बताया गया है जो मृत्यु के बाद की यात्रा को सुगम बनाता है।

जीवों पर दया: जो मनुष्य पशु-पक्षियों और बेसहारा जीवों पर दया करता है और उन्हें कष्ट नहीं पहुंचाता, उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा रहती है।
पितरों का सम्मान: अपने माता-पिता की सेवा और उनके देहांत के बाद श्रद्धापूर्वक 'श्राद्ध और तर्पण' करने वाले व्यक्ति को पितरों के आशीर्वाद से स्वर्ग प्राप्त होता है।
निस्वार्थ परोपकार: बिना किसी दिखावे या लालच के दूसरों की मदद करना। समाज के कल्याण के लिए काम करना स्वर्ग प्राप्ति का सबसे सरल मार्ग है।
इंद्रियों पर नियंत्रण: जो इंसान अपने क्रोध, लोभ और वासना पर काबू पा लेता है, उसकी आत्मा शुद्ध हो जाती है और वह उच्च लोकों की ओर प्रस्थान करता है।
धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान: नियमित रूप से पवित्र ग्रंथों को पढ़ना और उनके अनुसार जीवन जीना आत्मा को नकारात्मकता से दूर रखता है।
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