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    Ashadha Amavasya 2025: आषाढ़ अमावस्या पर जरूर करें पितरों का तर्पण, नोट करें समय और विधि

    Updated: Mon, 23 Jun 2025 03:55 PM (IST)

    आषाढ़ अमावस्या (Ashadha Amavasya 2025) 25 जून, 2025 को मनाई जाएगी। यह पितरों को समर्पित है। इस दिन पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध जैसे अनुष्ठान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह तिथि उन लोगों के लिए विशेष महत्वपूर्ण है जिन्हें अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि मालूम नहीं है। वहीं, इस दिन पवित्र स्नान, दान-पुण्य और पितृ तर्पण करने से कुंडली में पितृ दोष शांत होता है।

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    Ashadha Amavasya 2025: आषाढ़ अमावस्या पितृ तर्पण नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आषाढ़ अमावस्या बहुत खास मानी जाती है। यह पितरों को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ अमावस्या 25 जून, 2025 (Ashadha Amavasya 2025 Date) को मनाई जाएगी। इस दिन पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं, जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ जरूरी बातों को जानते हैं।

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    आषाढ़ अमावस्या 2025 शुभ मुहूर्त (Ashadha Amavasya 2025 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, 24 जून को सुबह 06 बजकर 59 मिनट पर आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 25 जून को दोपहर 04 बजे होगा। पचांग गणना के आधार पर आषाढ़ अमावस्या 25 जून (Ashadha Amavasya 2025 Kab Hai) को मनाई जाएगी।

    आषाढ़ अमावस्या का धार्मिक महत्व (Ashadha Amavasya 2025 Significance)

    आषाढ़ अमावस्या पितरों को समर्पित है। माना जाता है कि इस तिथि पर किए गए श्राद्ध कर्म से पितरों को मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। यह तिथि उन लोगों के लिए भी विशेष महत्व रखती है, जिन्हें अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि पता नहीं है। ऐसे में इस दिन दान-पुण्य, पितृ तर्पण और पिंडदान जरूर करें। इससे कुंडली में पितृ दोष शांत होता है।

    आषाढ़ अमावस्या पर पितृ तर्पण कैसे करें? (Ashadha Amavasya 2025 Pitru Tarpan Rituals)

    • सुबह जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें।
    • स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • पितरों के नाम से तर्पण जल, जौ, तिल और कुशा से करें।
    • अपनी क्षमतानुसार पितरों के नाम से दान करें।
    • ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।
    • अगर हो पाए तो इस दिन पिंडदान जरूर करें, इससे पितरों को मोक्ष मिल जाता है।
    • इस दिन पक्षियों को दाना डालना चाहिए।
    • अपनी वाणी पर संयम रखें और किसी को भी बुरा न बोलें।
    • ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उनका आशीर्वाद लें।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।