Ashadha Amavasya 2025: कब मनाई जाएगी आषाढ़ अमावस्या? ऐसे करें पितरों को प्रसन्न
हर माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान और पितरों का तर्पण करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार 12 जून से आषाढ़ माह की शुरुआत हो रही है। इस माह में आषाढ़ अमावस्या (Ashadha Amavasya 2025) मनाई जाएगी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अमावस्या तिथि (Ashadha Amavasya 2025) को पितरों को प्रसन्न करने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और साधक को उनकी कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कब मनाई जाएगी आषाढ़ अमावस्या।
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(Pic Credit- Freepik)
आषाढ़ अमावस्या 2025 डेट और टाइम (Ashadha Amavasya 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 24 जून को सुबह 06 बजकर 59 मिनट से होगी है। वहीं, इस तिथि का समापन 25 जून को दोपहर 4 बजे होगा। ऐसे में आषाढ़ अमावस्या 25 जून (Ashadha Amavasya 2025 Kab Hai) को मनाई जाएगी।
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सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 25 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
चन्द्रोदय - कोई नहीं
चन्द्रास्त - शाम 07 बजकर 42 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 05 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक
अमृत काल- शाम 11 बजकर 34 मिनट से 01 बजकर 02 मिनट तक
इन चीजों का करें दान (Ashadha Amavasya 2025 Daan)
आषाढ़ अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करें। साथ ही पितरों को अर्घ्य दें। इसके बाद कपड़े, धन, अन्न समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या के दिन इन चीजों का दान करने से साधक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ऐसे करें पितरों को प्रसन्न
सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करें। साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से पितरों की कृपा से जीवन खुशहाल होता है। साथ ही रुके हुए काम पूरे होते हैं।
ऐसे करें पितृ दोष को दूर
पितृ दोष को दूर करने के लिए अमावस्या के दिन गंगा स्नान करें और जल में काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति को पितृ दोष की समस्या से छुटकारा मिलता है।
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