नाम जप में नहीं लग रहा मन? इन 5 आसान तरीकों से बढ़ाएं एकाग्रता
अध्यात्म के मार्ग पर नाम जप करते समय मन के भटकने की समस्या आम है। इससे निपटने के लिए निराश न हों। शास्त्रों के अनुसार, कलयुग में नाम जप से ...और पढ़ें

कैसे करें नाम जप (Image Source: AI-Generated)

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धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अध्यात्म के मार्ग पर चलने वाले ज्यादातर लोगों के साथ एक समस्या आती है, जब भी वे भगवान का नाम लेने बैठते हैं, मन दुनिया भर की बातों में भटकने लगता है। कभी पुरानी यादें सताने लगती हैं, तो कभी भविष्य की चिंता होने लगती है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। कुछ आसान उपायों को अपनाकर आप नाम जप में अपना मन लगा सकते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, कलयुग में नाम जप आपेक दुखों को पार लगा सकता है। इससे मन की शुद्धि और चित्त की स्थिरता प्राप्त होती है। इसको अपनाने वाले के जीवन में एक सकारात्मकता देखते को मिलती है। चलिए जानते हैं उन 5 उपायों के बारे में।
1. मन न लगने पर भी जप जारी रखें
शुरुआत में मन का भटकना स्वाभाविक है। मन एक चंचल बालक की तरह है, जिसे अनुशासन में आने में समय लगता है। भले ही आपका मन न लगे, फिर भी एक नियम बना लें कि आपको रोज 15 से 20 मिनट जप करना ही है। जैसे अभ्यास से शरीर मजबूत होता है, वैसे ही निरंतर जप करने से धीरे-धीरे मन स्थिर होने लगता है।
2. नाम की महिमा और शक्ति को समझें
किसी भी काम में रुचि तब जागती है जब हमें उसकी कीमत पता हो। यह समझें कि नाम जप केवल एक क्रिया नहीं, बल्कि ईश्वर से जुड़ने का सीधा रास्ता भी है। जब आप यह विश्वास कर लेते हैं कि प्रत्येक 'नाम' आपके अंदर की नकारात्मकता और तनाव को मिटा रहा है, तो आपकी श्रद्धा अपने आप बढ़ने लगती है।
3. सही स्थान और समय का चयन
नाम जप के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें। सुबह का समय (ब्रह्म मुहूर्त) सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि उस समय वातावरण में शांति होती है। एक ही स्थान और एक ही समय पर रोज बैठने से आपके मस्तिष्क को यह संकेत मिलता है कि अब एकाग्र होने का समय है।

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4. जो बोलें उसे ध्यान से सुनें
जप करते समय कोशिश करें कि जो नाम आप अपनी जुबान से ले रहे हैं, उसे अपने कानों से ध्यानपूर्वक सुनें। जब आप सुनने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो बाहरी विचार कम होने लगते हैं। अपनी ही आवाज को सुनना एकाग्रता बढ़ाने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है।
5. माला का प्रयोग करें
हाथ में माला लेकर जप करने से शरीर का स्पर्श और उंगलियों की गति मन को वर्तमान में रखने में मदद करती है। माला एक 'एंकर' की तरह काम करती है, जो भटकते हुए मन को बार-बार वापस खींचती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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