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    Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने बताया है टॉक्सिक लोगों से बचाव का फार्मूला, आप भी जरूर आजमाएं

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 11:39 AM (IST)

    हमें वर्कप्लेस या अपने आसपास पर कई बार टॉक्सिक लोग (toxic people) मिल जाते हैं, जो हमारा काम करना मुश्किल कर देते हैं। ऐसे में जितनी जल्दी हो सके, इन ...और पढ़ें

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    टॉक्सिक लोगों से इस तरह करें अपना बचाव (AI Generated Image)

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चाणक्य नीति (Chanakya Niti tips) एक लोकप्रिय नीति है, जिसे आज के समय में भी लोग पढ़ना पसंद करते हैं। इसमें कई ऐसी बाते बताई गई हैं, जो आपको जीवन की कई तरह की समस्याओं का हल कर सकती हैं। आज हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा सुझाई गई, कुछ ऐसी टिप्स बताने जा रहे हैं, जो आपको टॉक्सिक लोगों से बचने में मदद कर सकती हैं।

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    1. दुर्जनेषु च सर्पेषु वरं सर्पो न दुर्जनः।
    सर्पो दंशति कालेन दुर्जनस्तु पदे-पदे।।

    चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के इस श्लोक में कहा गया है, कि एक किसी व्यक्ति को दुष्ट व्यक्ति और एक सांप की संगति के बीच में किसी एक को चुनना हो, तो एक सांप को चुनना अच्छा है, एक दुष्ट व्यक्ति की जगह। क्योंकि एक सांप अपने बचाव के लिए ही डसता है, वहीं एक दुष्ट यानी टॉक्सिक व्यक्ति आपको अकारण ही नुकसान पहुंचा सकता है।

    chanakya AI

    (AI Generated Image)

    2. कुराजराज्येन कुतः प्रजासुखं कुमित्रमित्रेण कुतोऽभिनिवृत्तिः।
    कुदारदारैश्च कुतो गृहे रतिः कृशिष्यमध्यापयतः कुतो यशः।।

    आचार्य चाणक्य इस श्लोक में कहते हैं कि एक दुष्ट राजा के राज्य में प्रजा कभी सुखी नहीं रह सकती। दुष्ट मित्र के साथ हमें आनंद नहीं मिल सकता, दुष्ट पार्टनर के साथ घर में सुख नहीं रह सकता और दुष्ट एक शिष्य को पढ़ाने कभी यश नहीं मिल सकता। ऐसे में आचार्य चाणक्य आपको यह सलाह देते हैं कि ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखना चाहिए, तभी आप सुखी रह सकते हैं।

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    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    3. "नात्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम् ।
    छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः॥"

    चाणक्य नीति के इस श्लोक के अनुसार, किसी व्यक्ति बहुत सीधा-साधा या भोला नहीं होना चाहिए, क्योंकि जंगल में सीधे पेड़ों को सबसे पहले काटा जाता है, जबकि टेढ़े-मेढ़े पेड़ बच जाते हैं। ठीक इसी तरह हमेशा चालाक लोग सीधे लोगों का फायदा उठा लेते हैं। ऐसे में जीवन में थोड़ी चतुराई और विवेक जरूरी है। अगर आपको अपने आसपास के टॉक्सिक माहौल या व्यक्ति से बचकर रहना है, तो इस बात को जरूर ध्यान रखें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।