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    Chaitra Amavasya 2025 Date: मार्च महीने में कब है चैत्र अमावस्या? यहां जानें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 03 Mar 2025 09:21 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya 2025 Date) के दिन ब्रह्म योग में स्नान-ध्यान पूजा और दान करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। साथ ही सभी प्रकार के मानसिक विकारों से मुक्ति मिलेगी। इसके साथ ही पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है।

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    Chaitra Amavasya 2025 Date: चैत्र अमावस्या का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चैत्र अमावस्या का खास महत्व है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। वहीं, स्नान-ध्यान के बाद देवों के देव महादेव और मां गंगा की पूजा करते हैं। इस दिन न्याय के देवता शनिदेव राशि परिवर्तन करेंगे। इसके साथ ही चैत्र अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण भी लगेगा। 

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    धार्मिक मत है कि चैत्र अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya 2025 Date) के दिन पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से अश्वमेघ यज्ञ समान फल मिलता है। आइए, चैत्र अमावस्या की सही तारीख और महत्व एवं पूजा विधि जानते हैं-

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    चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र अमावस्या तिथि 28 मार्च को रात 07 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 29 मार्च को चैत्र अमावस्या मनाई जाएगी।

    चैत्र अमावस्या शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र अमावस्या के दिन ब्रह्म और इंद्र योग का संयोग बन रहा है। वहीं, दुर्लभ शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में गंगा स्नान करने से परम पुण्यदायी फल मिलेगा। साथ ही सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलेगी। इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 37 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 28 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।

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