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    Ram Navami 2025 Date: कब मनाई जाएगी राम नवमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 03 Mar 2025 07:51 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो सुकर्मा योग में रामनवमी (Ram Navami 2025 Date) मनाई जाएगी। इसके साथ ही रामनवमी के दिन रवि पुष्य योग रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से सभी कामों में सिद्धि और सफलता मिलेगी। साथ ही भगवान श्रीराम की कृपा साधक पर बरसेगी।

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    Ram Navami 2025 Date: राम नवमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में राम नवमी पर्व का खास महत्व है। यह पर्व हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है। साथ ही जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की भी उपासना की जाती है। धार्मिक मत है कि भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक को जीवन में व्याप्त सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। आइए, राम नवमी (Ram Navami 2025 Date) की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    राम नवमी शुभ मुहूर्त (Ram Navami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 05 अप्रैल को शाम 07 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 06 अप्रैल को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 06 अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी।  

    राम नवमी पूजा समय (Ram Navami Puja Timing)

    ज्योतिषियों की मानें तो राम नवमी तिथि यानी 06 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक पूजा का शुभ समय है। वहीं, दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर मध्याह्न का समय है। आसान शब्दों में कहें तो दोपहर 12 बजकर 24 मिनट भगवान श्रीराम का अवतरण समय है। साधक इस समय में भगवान श्रीराम की पूजा कर सकते हैं।

    राम नवमी पूजा विधि (Ram Navami Puja Vidhi)

    चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इस समय भगवान श्रीराम को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। अब घर की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़ककर घर को शुद्ध करें। घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाएं और रंगोली बनाएं।  दैनिक कामों से निवृत्त होने के बाद अभिजीत मुहूर्त में गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अब आचमन कर पीले या लाल रंग का वस्त्र पहनें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित  करें।

    अब पूजा गृह में चौकी पर पीले रंग के वस्त्र पर राम परिवार की प्रतिमा विराजित करें। इस समय भगवान राम का ध्यान कर उनका आह्वान करें। पंचोपचार कर राम परिवार संग हनुमान जी की पूजा करें। पूजा के समय राम स्त्रोत और राम चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती कर भगवान श्रीराम से सुख और सौभाग्य में वृद्धि की कामना करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।