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    Gudi Padwa 2025 Date: मार्च महीने में कब है गुड़ी पड़वा? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं योग

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि (Chaitra Navratri 2025) से शुरुआत होगी। इस शुभ अवसर पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमना होता है। चैत्र अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगने वाला है। ग्रहण के दौरान शुभ काम नहीं किया जाता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 02 Mar 2025 07:44 PM (IST)
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    Gudi Padwa 2025 Date: कब से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में गुड़ी पड़वा पर्व का खास महत्व है। यह पर्व हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होती है। साथ ही हिन्दू नववर्ष भी प्रारंभ होता है। यह पर्व देशभर में मनाया जाता है। खासकर, महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। चैत्र नवरात्र के दौरान मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नवरात्र का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही साधक पर जगत की देवी मां दुर्गा की कृपा बरसती है। आइए, गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa 2025 Date) का शुभ मुहूर्त एवं तिथि जानते हैं।

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    शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को संध्याकाल 04 बजकर 27 मिनट पर होगी और 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि गणना अनुसार 30 मार्च को गुड़ी पड़वा मनाया जाएगा। इस दिन से चैत्र नवरात्र भी प्रारंभ होगा।

    शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर इंद्र योग का संयोग है। इंद्र योग शाम 05 बजकर 54 मिनट तक है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग है। सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरुआत शाम 04 बजकर 35 मिनट से  होगी। इसके अलावा, बव, बालव और कौलव करण के योग हैं। इन योग में जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। साथ ही ब्रह्म देव का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 38 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 34 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 50 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 41 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 37 मिनट से 07 बजे तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    डिसक्लेमर:'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'