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    Budh Mantra: कारोबार में तरक्की पाने के लिए करें इन मंत्रों का जप, आर्थिक परेशानी भी होगी दूर

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 25 Mar 2025 09:30 PM (IST)

    बुधवार (Budh Mantra) के दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए बुधवार के दिन व्रत भी रखा जाता है। भगवान गणेश की पूजा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही सभी दुखों का नाश होता है। मंदिरों में भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है।

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    Budh Mantra: बुध देव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में बुध देव को ग्रहों का राजकुमार और व्यापार के दाता कहा जाता है। कुंडली में बुध मजबूत होने से जातक बेहद मधुरभाषी होता है। अपनी बौद्धिक और तार्किक क्षमता से जातक हर काम को करने में सफल हो जाता है। वहीं, बुध देव की कृपा से कारोबार और करियर में जातक को मनमुताबिक सफलता मिलती है।

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    ज्योतिष भी कारोबार में तरक्की और उन्नति के लिए भगवान गणेश की पूजा करने की सलाह देते हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है। बुध देव की कृपा से जातक को जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल होता है। अगर आप भी बुध देव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन पूजा के समय बुध देव के नामों का मंत्र जप करें।

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    बुध देव के 108 नाम

    1. ॐ बुधाय नमः।
    2. ॐ बुधार्चिताय नमः।
    3. ॐ सौम्याय नमः।
    4. ॐ सौम्यचित्ताय नमः।
    5. ॐ शुभप्रदाय नमः।
    6. ॐ दृढव्रताय नमः।
    7. ॐ दृढफलाय नमः।
    8. ॐ श्रुतिजालप्रबोधकाय नमः।
    9. ॐ सत्यवासाय नमः।
    10. ॐ सत्यवचसे नमः।
    11. ॐ श्रेयसां पतये नमः।
    12. ॐ अव्ययाय नमः।
    13. ॐ सोमजाय नमः।
    14. ॐ सुखदाय नमः।
    15. ॐ श्रीमते नमः।
    16. ॐ सोमवंशप्रदीपकाय नमः।
    17. ॐ वेदविदे नमः।
    18. ॐ वेदतत्त्वाशाय नमः।
    19. ॐ वेदान्तज्ञानभास्कराय नमः।
    20. ॐ विद्याविचक्षणाय नमः।
    21. ॐ विदुषे नमः।
    22. ॐ विद्वत्प्रीतिकराय नमः।
    23. ॐ ऋजवे नमः।
    24. ॐ विश्वानुकूलसञ्चाराय नमः।
    25. ॐ विशेषविनयान्विताय नमः।
    26. ॐ विविधागमसारज्ञाय नमः।
    27. ॐ वीर्यवते नमः।
    28. ॐ विगतज्वराय नमः।
    29. ॐ त्रिवर्गफलदाय नमः।
    30. ॐ अनन्ताय नमः।
    31. ॐ त्रिदशाधिपपूजिताय नमः।
    32. ॐ बुद्धिमते नमः।
    33. ॐ बहुशास्त्रज्ञाय नमः।
    34. ॐ बलिने नमः।
    35. ॐ बन्धविमोचकाय नमः।
    36. ॐ वक्रातिवक्रगमनाय नमः।
    37. ॐ वासवाय नमः।
    38. ॐ वसुधाधिपाय नमः।
    39. ॐ प्रसन्नवदनाय नमः।
    40. ॐ वन्द्याय नमः।
    41. ॐ वरेण्याय नमः।
    42. ॐ वाग्विलक्षणाय नमः।
    43. ॐ सत्यवते नमः।
    44. ॐ सत्यसङ्कल्पाय नमः।
    45. ॐ सत्यबन्धवे नमः।
    46. ॐ सदादराय नमः।
    47. ॐ सर्वरोगप्रशमनाय नमः।
    48. ॐ सर्वमृत्युनिवारकाय नमः।
    49. ॐ वाणिज्यनिपुणाय नमः।
    50. ॐ वश्याय नमः।
    51. ॐ वाताङ्गाय नमः।
    52. ॐ वातरोगहृते नमः।
    53. ॐ स्थूलाय नमः।
    54. ॐ स्थैर्यगुणाध्यक्षाय नमः।
    55. ॐ स्थूलसूक्ष्मादिकारणाय नमः।
    56. ॐ अप्रकाशाय नमः।
    57. ॐ प्रकाशात्मने नमः।
    58. ॐ घनाय नमः।
    59. ॐ गगनभूषणाय नमः।
    60. ॐ विधिस्तुत्याय नमः।
    61. ॐ विशालाक्षाय नमः।
    62. ॐ विद्वज्जनमनोहराय नमः।
    63. ॐ चारुशीलाय नमः।
    64. ॐ स्वप्रकाशाय नमः।
    65. ॐ चपलाय नमः।
    66. ॐ जितेन्द्रियाय नमः।
    67. ॐ उदङ्मुखाय नमः।
    68. ॐ मखासक्ताय नमः।
    69. ॐ मगधाधिपतये नमः।
    70. ॐ हरये नमः।
    71. ॐ सौम्यवत्सरसञ्जाताय नमः।
    72. ॐ सोमप्रियकराय नमः।
    73. ॐ महते नमः।
    74. ॐ सिंहाधिरूढाय नमः।
    75. ॐ सर्वज्ञाय नमः।
    76. ॐ शिखिवर्णाय नमः।
    77. ॐ शिवङ्कराय नमः।
    78. ॐ पीताम्बराय नमः।
    79. ॐ पीतवपुषे नमः।
    80. ॐ पीतच्छत्रध्वजाङ्किताय नमः।
    81. ॐ खड्गचर्मधराय नमः।
    82. ॐ कार्यकर्त्रे नमः।
    83. ॐ कलुषहारकाय नमः।
    84. ॐ आत्रेयगोत्रजाय नमः।
    85. ॐ अत्यन्तविनयाय नमः।
    86. ॐ विश्वपवनाय नमः।
    87. ॐ चाम्पेयपुष्पसङ्काशाय नमः।
    88. ॐ चारणाय नमः।
    89. ॐ चारुभूषणाय नमः।
    90. ॐ वीतरागाय नमः।
    91. ॐ वीतभयाय नमः।
    92. ॐ विशुद्धकनकप्रभाय नमः।
    93. ॐ बन्धुप्रियाय नमः।
    94. ॐ बन्धमुक्ताय नमः।
    95. ॐ बाणमण्डलसंश्रिताय नमः।
    96. ॐ अर्केशाननिवासस्थाय नमः।
    97. ॐ तर्कशास्त्रविशारदाय नमः।
    98. ॐ प्रशान्ताय नमः।
    99. ॐ प्रीतिसंयुक्ताय नमः।
    100. ॐ प्रियकृते नमः।
    101. ॐ प्रियभूषणाय नमः।
    102. ॐ मेधाविने नमः।
    103. ॐ माधवसक्ताय नमः।
    104. ॐ मिथुनाधिपतये नमः।
    105. ॐ सुधिये नमः।
    106. ॐ कन्याराशिप्रियाय नमः।
    107. ॐ कामप्रदाय नमः।
    108. ॐ घनफलाश्रयाय नमः।

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