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    Lord Ganesh: सभी विघ्नों से चाहते हैं छुटकारा, तो इस विधि से करें भगवान गणेश की पूजा

    गणपति बप्पा को बुधवार का दिन समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा और जीवन में सुख और शांति के लिए व्रत किया जाता है। धार्मिक मत है कि प्रभु की उपासना करने से जातक को कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भगवान गणेश की पूजा (Lord Ganesh Puja Vidhi) किस तरह करनी चाहिए?

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 14 May 2024 08:00 PM (IST)
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    Lord Ganesh: सभी विघ्नों से चाहते हैं छुटकारा, तो इस विधि से करें भगवान गणेश की पूजा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Ganesh Puja Vidhi: सनातन धर्म में शुभ और मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणपति बप्पा को बुधवार का दिन समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा और जीवन में सुख और शांति के लिए व्रत किया जाता है। धार्मिक मत है कि प्रभु की उपासना करने से जातक को कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और सभी विघ्नों से छुटकारा मिलता है। अगर आप भी प्रभु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान गणेश की पूजा करें और प्रिय चीजों का भोग लगाएं। अंत में आरती अवश्य करें। इससे जीवन में खुशियों का आगमन होगा।

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    इस तरह करें भगवान गणेश की पूजा

    बुधवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद मंदिर की सफाई कर चौकी पर कपड़ा बिछाकर शिव परिवार को विराजमान करें। अब पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान गणेश एवं शिव परिवार की पूजा करें। अब प्रभु को पीले रंग का फल, फूल, दूर्वा, हल्दी अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें। गणेश चालीसा का पाठ और मंत्रों का जाप करें। प्रभु से जीवन में सुख और शांति की कामना करें। मोदक, फल और मिठाई का भोग लगाएं और अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें। इस दिन दान-पुण्य अवश्य करें।

    ॥श्री गणेश जी की आरती॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    ‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।