Chaitra Navratri 2025: नवरात्र में जरूर करें ये खास उपाय, राहु-केतु का अशुभ प्रभाव होगा कम
कुंडली में राहु-केतु दोष होने पर व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु दोष (Rahu Ketu ke Upay) से राहत पाने के लिए कुछ विशेष उपायों का जिक्र किया गया है। ऐसे में आप चैत्र नवरात्र की अवधि में इन उपायों को करके अपनी स्थिति में लाभ देख सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में नवरात्र की अवधि जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के विभिन्न 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना के लिए बहुत ही खास मानी गई है। चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) की शुरुआत होती है। ऐसे में इस साल 30 मार्च से चैत्र नवरात्र शुरू होने जा रहे हैं।
अशुभ प्रभाव होगा कम
मान्यताओं के अनुसार, मां भगवती की उपासना करने से राहु-केतु के दोष को दूर किया जा सकता है। ऐसे में नवरात्र की पवित्र अवधि में 9 दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का कम-से-कम 108 बार जप करें। ऐसा करने राहु और केतु जैसे अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है।
इन देवियों की करें पूजा
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार देवी चंद्रघंटा और देवी ब्रह्मचारिणी की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने से साधक को राहु और केतु दोष से राहत मिलती है। ऐसे में चैत्र नवरात्र के दौरान इन दोनों देवियों की आराधना जरूर करनी चाहिए, ताकि आप राहु और केतु के बुरे प्रभावों से मुक्ति पा सकें।
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इनकी भी जरूर करें आराधना
अगर आप चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के साथ-साथ भगवान शिव और हनुमान जी की भी उपासना करते हैं और इस दौरान शिव सहस्त्रनाम और हनुमान सहस्त्रनाम का पाठ करते हैं, तो इससे भी आपको राहु-केतु दोष से मुक्ति मिल सकती है।
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बुरे प्रभावों में आएगी कमी
राहु दोष से मुक्ति के लिए आप नवरात्र की अवधि में ये काम कर सकते हैं। इसके लिए नवरात्र में चांदी से बनी हाथी की मूर्ति घर लेकर आएं और इसको पूजा घर या फिर तिजोरी में स्थापित कर दें। हर दिन इस मूर्ति के दर्शन से जातक को राहु के बुरे प्रभाव में कमी देखने को मिल है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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