Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chaitra Navratri 2025: इस दिन से शुरू होंगे चैत्र नवरात्र, कैसा है मां दुर्गा के 09 रूपों का स्वरूप?

    Updated: Mon, 24 Mar 2025 02:09 PM (IST)

    देश में चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) के दौरान खास रौनक देखने को मिलती है। साथ ही 09 दिनों तक मां दुर्गा 09 रूपों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही जीवन में मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार चैत्र नवरात्र व्रत करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सभी दुख दूर होते हैं।

    Hero Image
    Chaitra Navratri 2025: मां दुर्गा के 09 रूपों का वर्णन

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से तिथि चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri kab se start hai) की शुरुआत होती है। इस बार चैत्र नवरात्र 30 मार्च से (Chaitra Navratri 2025 Start Date) शुरू हो रहे हैं और 06 अप्रैल को खत्म होंगे। इस दौरान मां दुर्गा के 09 रूपों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा की उपासना करने से जीवन के सभी डर से छुटकारा मिलता है, तो ऐसे में चलिए विस्तार से जानते हैं नौ देवियों (Maa Durga 9 Avatars) के बारे में।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रतिपदा तिथि- मां शैलपुत्री

    चैत्र नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है। मां शैलपुत्री सफेद कपड़े धारण करती हैं। इनका वाहन बैल है। देवी एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल लिए हुए हैं।

    यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2025: 5 या 6 अप्रैल, कब करें चैत्र नवरात्र में कन्या पूजन? यहां जानें पूरी डिटेल्स

    द्वितीया तिथि- मां ब्रह्मचारिणी

    द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी सफेद कपड़े धारण किए हुए हैं। इनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे हाथ में कमंडल है। मां ब्रह्मचारिणी को तपस्या, और वैराग्य की देवी कहा जाता है।

    चैत्र नवरात्र की सम्पूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

    तृतीया तिथि- मां चंद्रघंटा

    तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को प्रिय है। मां चंद्रघंटा के दस हाथ हैं, जिसमें उन्होंने कमल, कमंडल, धनुष, त्रिशूल, तलवार, खड्ग जैसे अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए हैं। इनका वाहन सिंह है। देवी के मस्तक पर अर्धचंद्र विराजमान है।

    चतुर्थी तिथि- मां कूष्मांडा

    चतुर्थी तिथि के दिन मां कूष्मांडा की पूजा होती है। देवी के आठ हैं। इनका वाहन शेर है। मां कूष्मांडा की उपासना करने से साधक को आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है।

    पंचमी तिथि- मां स्कंदमाता

    पंचमी तिथि पर मां स्कंदमाता की पूजा का विधान है। देवी ने 2 हाथों में कमल और एक हाथ में कार्तिकेय जी और चौथे हाथ से अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।

    षष्ठी तिथि- मां कात्यायनी

    छठा स्वरूप मां कात्यायनी का है। देवी के एक हाथ में कमल और दूसरे हाथ में तलवार, तीसरे में भय मुद्रा और चौथा हाथ वरद मुद्रा में है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां कात्यायनी को ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है।

    सप्तमी तिथि- मां कालरात्रि

    सप्तमी तिथि पर मां कालरात्रि की पूजा होती है। देवी के तीन नेत्र और इनका वाहन गधा है। मां कालरात्रि ने दो हाथों में खड्गलौह शस्त्र धारण किया हुआ है। इसके अलावा तीसरे हाथ वर मुद्रा और चौथ हाथ अभय मुद्रा है।

    अष्टमी तिथि- मां महागौरी

    चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि मां महागौरी को प्रिय है। इनकी चार भुजा है। एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ अभय मुद्रा में है। तीसरे में डमरू और चौथा हाथ वर मुद्रा में रहता है। देवी का वाहन बैल है।

    नवमी तिथि- मां सिद्धिदात्री

    नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की पूजा करने का विधान है। देवी के पास 8 सिद्धियां हैं। देवी कमल पर विराजमान हैं। मां सिद्धिदात्री के एक हाथ में शंख, दूसरे में गदा, तीसरे में कमल और चौथे हाथ च्रक है।

    यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र के दौरान क्यों जरूरी है हनुमान जी की पूजा?

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।