Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र में अखंड ज्योत जलाने से पहले जानें नियम, सभी मुरादें होंगी पूरी
वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) शुरू होते हैं। इस दौरान मां दुर्गा के मंदिरो में बेहद रौनक देखने को मिलती है। भक्त देवी के दर्शनों के लिए अधिक संख्या में मंदिरों में पहुंचते हैं। वहीं भक्त घर पर भी अखंड ज्योत (Akhand Jyoti Niyam) जलाकर देवी की उपासना करते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्र का पर्व मां दुर्गा के 09 रूपों की कृपा प्राप्त करने के लिए अधिक शुभ माना गया है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्र 30 मार्च से शुरू होंगे और अगले महीने यानी 06 अप्रैल को खत्म होंगे। चैत्र नवरात्र के पहले दिन भक्त घटस्थापना के समय अखंड ज्योत (Akhand Jyoti Niyam) जलाते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्र में अखंड ज्योत जलाने से घर में मां दुर्गा का वास रहता है। साथ ही सुख-शांति में वृद्धि होती है। अखंड ज्योत के दौरान नियम का पालन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि नियम का पालन न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अखंड ज्योत के नियम के बारे में।
चैत्र नवरात्र 2025 डेट (Chaitra Navratri 2025 Start and End Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर तिथि खत्म होगी। ऐसे में चैत्र नवरात्र 30 मार्च (Chaitra Navratri 2025) से शुरु होंगे और 06 अप्रैल को राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा।
(Pic Credit-Freepik)
घटस्थापना का टाइम
30 मार्च को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 10 बजकर 22 मिनट तक है।
अभिजीत मुहूर्त 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक है। इस दौरान घटस्थापना की जा सकती है।
अखंड ज्योत के नियम
- अखंड ज्योत को प्रतिपदा तिथि से लेकर दशमी तिथि तक जलाना चाहिए।
- अखंड ज्योत को जौ, चावल या गेहूं के ऊपर रखनी चाहिए।
- ज्योत जलाते समय निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।
- 'करोति कल्याणं,आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते'
- अखंड ज्योत का शांत होना अशुभ माना जाता है। इसलिए इसको कभी भी अकेला न छोड़ें।
- एक बात खास ध्यान रखें कि अखंड ज्योति के लिए टूटे हुए चावल का इस्तेमाल न करें।
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अखंड ज्योत के बुझने पर क्या करें?
अखंड ज्योत के बुझने को अशुभ माना गया है। ऐसा होने पर मां दुर्गा से माफी मांगे। इसके बाद अखंड ज्योत के पास एक छोटा दीपक जलाएं। क्योंकि अखंड ज्योत के शांत होने पर इस दीपक से अखंड ज्योत को जलाया जा सकता है। अगर नवरात्र के बाद ज्योत जल रही है, तो उसे खुद न बुझाएं। इससे खुद ही शांत होने दें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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