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    शादीशुदा महिलाओं की चूड़ियां टूटना क्यों अशुभ माना जाता है? जानें इसके पीछे का पूरा सच

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 04:34 PM (IST)

    भारतीय समाज में चूड़ियों को सुहाग और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इनके टूटने को अक्सर अपशकुन समझा जाता है। चूड़ियों के टूटने को पति पर आने वाले संक ...और पढ़ें

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    चूड़ियां टूटना क्यों अशुभ? (Image Source-Freepik)

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय समाज में चूड़ियों का महत्व सिर्फ श्रृंगार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे सुहाग और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। अक्सर हमारे घरों में कहा जाता है कि अगर किसी महिला की चूड़ी टूट जाए, तो यह किसी आने वाली मुसीबत का संकेत है या कोई बड़ा अपशकुन होने वाला है। लेकिन, क्या वाकई ऐसा है? आइए, इस विषय पर गहराई से चर्चा करते हैं।

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    धार्मिक और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, विवाहित महिलाओं के लिए चूड़ियां पहनना अनिवार्य माना जाता रहा है। पुराने समय में मान्यता थी कि चूड़ी का टूटना पति पर आने वाले किसी संकट का प्रतीक है। यही कारण है कि आज भी कई महिलाएं चूड़ी टूटने पर घबरा जाती हैं। उसे तुरंत उतारकर विसर्जित कर देती हैं। इसे सुहाग की सलामती से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए लोग इसे अपशकुन मानते हैं।

    क्या यह सिर्फ एक अंधविश्वास है?

    अगर हम वैज्ञानिक और व्यावहारिक नजरिए से देखें, तो चूड़ी का टूटना एक सामान्य भौतिक घटना है। कांच एक नाजुक पदार्थ है। काम करते समय, किसी चीज से टकराने पर या फिर चूड़ी पुरानी होने पर उसका चटकना या टूटना स्वाभाविक है। इसके पीछे किसी दैवीय शक्ति या अनहोनी का हाथ होना केवल एक मनगढ़ंत धारणा है।

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    (Image Source-Freepik)

    जानकारों का मानना है कि पुराने समय में कांच की चूड़ियां टूटने पर हाथों में चोट लगने का डर रहता था। कांच के बारीक टुकड़े घाव कर सकते थे। इसलिए सावधानी बरतने के लिए इसे एक 'बुरी घटना' के तौर पर प्रचारित किया गया होगा। ताकि, महिलाएं संभलकर रहें। समय के साथ यह सावधानी 'अंधविश्वास' में बदल गई।

    बदलते समाज की हकीकत

    बदलती सोच और हकीकत आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। चूड़ी टूटने को किसी अनहोनी से जोड़ना केवल मानसिक डर पैदा करता है। आध्यात्मिकता और धर्म हमें डरना नहीं, बल्कि सकारात्मक रहना सिखाते हैं। किसी भी ग्रंथ में यह नहीं लिखा है कि कांच का एक टुकड़ा टूटने से किसी का भाग्य बदल जाएगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।