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    Masik Durgashtami की पूजा में जरूर करें दुर्गा चालीसा का पाठ, सभी दुखों का होगा अंत 

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 07:00 AM (IST)

    मासिक दुर्गाष्टमी हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर मनाई जाती है। ऐसे में पौष माह की मासिक दुर्गाष्टमी 28 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी। इस पर देवी दुर्गा ...और पढ़ें

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    मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पूजा से दूर होते हैं सभी कष्ट (AI Generated Image)

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मां दुर्गा की कृपा प्राप्ति के लिए मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashtami Vrat 2025) एक विशेष दिन है। इस दिन पर जो साधक माता रानी के निमित्त श्रद्धाभाव से व्रत करता है और पूजा-पाठ करता है, उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन देवी दुर्गा की उपासना के दौरान आप दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं। इससे साधक को माता रानी की विशेष कृपा मिलती है।

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    श्री दुर्गा चालीसा (Shri Durga Chalisa Lyrics)

    नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
    नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥

    निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
    तिहूं लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला।
    नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥

    रूप मातु को अधिक सुहावे।
    दरश करत जन अति सुख पावे॥

    तुम संसार शक्ति लै कीना।
    पालन हेतु अन्न धन दीना॥

    अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
    तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥

    प्रलयकाल सब नाशन हारी।
    तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥

    शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
    ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥

    रूप सरस्वती को तुम धारा।
    दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥

    धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
    परगट भई फाड़कर खम्बा॥

    रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
    हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥

    लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
    श्री नारायण अंग समाहीं॥

    क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
    दयासिन्धु दीजै मन आसा॥

    हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
    महिमा अमित न जात बखानी॥

    मातंगी अरु धूमावति माता।
    भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥

    श्री भैरव तारा जग तारिणी।
    छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥

    केहरि वाहन सोह भवानी।
    लांगुर वीर चलत अगवानी॥

    कर में खप्पर खड्ग विराजै।
    जाको देख काल डर भाजै॥

    सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
    जाते उठत शत्रु हिय शूला॥

    नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
    तिहुँलोक में डंका बाजत॥

    शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे।
    रक्तन बीज शंखन संहारे॥

    महिषासुर नृप अति अभिमानी।
    जेहि अघ भार मही अकुलानी॥

    रूप कराल कालिका धारा।
    सेन सहित तुम तिहि संहारा॥

    परी गाढ़ सन्तन पर जब जब।
    भई सहाय मातु तुम तब तब॥

    आभा पुरी अरु बासव लोका।
    तब महिमा सब रहें अशोका॥

    ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
    तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥

    प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
    दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥

    ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
    जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥

    जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
    योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥

    शंकर आचारज तप कीनो।
    काम क्रोध जीति सब लीनो॥

    निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
    काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥

    शक्ति रूप का मरम न पायो।
    शक्ति गई तब मन पछितायो॥

    शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
    जय जय जय जगदम्ब भवानी॥

    भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
    दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥

    मोको मातु कष्ट अति घेरो।
    तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥

    आशा तृष्णा निपट सतावें।
    रिपु मुरख मोही डरपावे॥

    शत्रु नाश कीजै महारानी।
    सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥

    करो कृपा हे मातु दयाला।
    ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।।

    जब लगि जियऊं दया फल पाऊं।
    तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥

    श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
    सब सुख भोग परमपद पावै॥

    देवीदास शरण निज जानी।
    करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥

    ॥इति श्रीदुर्गा चालीसा सम्पूर्ण॥

     durga chalisha AI

    (AI Generated Image)

    मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

    • मासिक दुर्गाष्टमी के दिन साधक को सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें
    • इस दिन लाल वस्त्र धारण करें और पूरे घर को गंगाजल छिड़काव करें।
    • चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
    • देवी मां को जल अर्पित करें और उन्हें लाल चुनरी समेते सोलह शृंगार की साम्रगी अर्पित करें।  
    • देवी दुर्गा को भोग के रूप में हलवा, पूरी, चना, खीर, केला, नारियल, गुड़ या शहद आदि अर्पित करें।
    • घी का दीपक और अगरबत्ती जलाकर मां दुर्गा की आरती व चालीसा का पाठ करें।
    • प्रसाद और नैवेद्य दूसरे लोगों में भी बांटें।
    • शाम को गेहूं और गुड़ से बनी चीजों से अपना व्रत खोलें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।