इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन करने से हर चिंता होती है दूर, भगवान श्रीराम से है गहरा नाता
सनातन धर्म में भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए बुधवार का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही प्रभु के दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं। वहीं चिंतामण गणेश मंदिर (Chintaman Ganesh Temple) में बुधवार के दिन गणेश जी की विशेष पूजा होती है। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है इस मंदिर की मान्यता?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में देवी देवताओं के कई मंदिर हैं, जो किसी खास मान्यता या फिर अन्य कारण से आस्था का केंद्र बने हुए हैं। वहीं, भगवान गणेश को समर्पित एक मंदिर ऐसा है, जहां भगवान गणेश के दर्शन करने से भक्त की सभी चिंता दूर होती है और सभी मनोकमना पूरी होती है। इस मंदिर का नाम चिंतामण गणेश मंदिर (Chintaman Ganesh Temple) है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। इस मंदिर का मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम से गहरा नाता माना जाता है। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं इस मंदिर का इतिहास और मान्यता के बारे में।
चिंतामण गणेश मंदिर का इतिहास (Chintaman Ganesh Temple History)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होल्कर के द्वारा 18वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर में खंभों पर कई कथा के दृश्य को बनाया गया है। साथ ही मंदिर में बारीक नक्काशी देखने को मिलती है। इस मंदिर से कई पौराणिक कथा और मान्यताएं जुडी हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार, वनवास के दौरान भगवान श्रीराम इस स्थान पर आए थे। इस दौरान मां सीता को प्यास लगी, तो भगवान लक्ष्मण जी ने धनुष बाण के द्वारा पृथ्वी से जल को निकाला। जिसके परिणामस्वरूप एक बावड़ी का निर्माण हुआ। यह बावड़ी चिंतामण गणेश मंदिर के अंदर है।
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क्या है चिंतामण गणेश मंदिर की मान्यता
इस मंदिर में श्रद्धालु दूर-दूर से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। मान्यता के अनुसार, चिंतामण गणेश मंदिर में उपासना और दर्शन करने से भक्त की सभी चिंताएं दूर होती हैं। साथ ही जीवन की सभी समस्या से छुटकारा मिलता है।
इस मंदिर में लोग प्रभु से मनोकामनाएं मांगते हैं और गणेश जी की कृपा से मुरादें पूरी होने के बाद मंदिर में उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं और प्रभु का धन्यवाद करते हैं।
चिंतामण गणेश मंदिर को किसी खास अवसर पर बेहद सुंदर तरीके से सजाया जाता है। जैसे- गणेश चतुर्थी और रक्षा बंधन आदि। इस दौरान मंदिर में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। यह मंदिर लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर में गणपति बप्पा की तीन मूर्ति विराजमान हैं। जिन्हें चिंतामण गणेश, इच्छामण गणेश और सिद्धिविनायक कहा जाता है।
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Source- https://chintamanganesh.com/about/
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