Guru Chandal Dosh: बेहद कष्टकारी होता है गुरु चांडाल दोष, मायावी ग्रह से छुटकारा पाने के लिए करें ये खास उपाय
ज्योतिष शास्त्र में गुरु का मजबूत होना ज्ञान और तरक्की देता है, जबकि कमजोर गुरु आर्थिक विषमता लाता है। जब कुंडली में गुरु राहु या केतु के स ...और पढ़ें

बृहस्पति देव को कैसे प्रसन्न करें?

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धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र से व्यक्ति के भूत, वर्तमान और भविष्य की पूरी जानकारी मिल जाती है। वहीं, भूमि, भवन और कार्यालय संबंधी विषयों में वास्तु का ध्यान रखा जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में गुरु मजबूत रहने से जातक ज्ञान के माध्यम से जीवन में तरक्की की राह पर अग्रसर रहता है।

वहीं, कमजोर गुरु से व्यक्ति को जीवन में आर्थिक विषमता से गुजरना पड़ता है। इसके लिए ज्योतिष कुंडली में गुरु मजबूत करने की सलाह देते हैं। इसके बावजूद कई अवसर पर बली गुरु रहने के बाद भी जातक को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा कब और क्यों होता है? कुंडली में कई प्रकार के दोष लगते हैं। इनमें एक गुरु चांडाल दोष (Guru Chandal Dosh) है। इस दोष के लगने पर जातक को शुभ कामों में सफलता नहीं मिलती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
कैसे लगता है गुरु चांडाल दोष?
बृहस्पति देव को देवताओं का गुरु कहा जाता है। बृहस्पति देव ज्ञान और धन के कारक माने जाते हैं। गुरु की कृपा बरसने पर जातक का जीवन आनंदमय रहता है। वहीं, राहु या केतु के साथ गुरु की युति होने पर गुरु चांडाल दोष लगता है। इस बारे में ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि राहु और केतु दोनों गुरु को अपना शत्रु मानते हैं। दोनों ग्रहों का गुरु के साथ शत्रुवत संबंध है। इसके लिए गुरु चांडाल दोष लगने पर जातक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उपाय
गुरु चांडाल दोष का निवारण अनिवार्य है। इसके लिए निकटतम ज्योतिष से संपर्क करें। वहीं, इसके प्रभाव को कम करने के लिए रोजाना विष्णु चालीसा का पाठ करें। साथ ही पीले चंदन का टीके लगाएं। वहीं, गुरुवार के दिन पीले चीजों का दान करें। भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा एवं भक्ति करने से भी गुरु चांडाल दोष का प्रभाव शून्य हो जाता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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