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    Jaya Ekadashi 2026 Date: किस दिन रखा जाएगा जया एकादशी का व्रत? यहां पता करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 08:00 PM (IST)

    जया एकादशी माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा ...और पढ़ें

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    Jaya Ekadashi 2026 Date: जया एकादशी का धार्मिक महत्व

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन जया एकादशी मनाई जाती है। यह दिन बेहद खास होता है, क्योंकि एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है।

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    जया एकादशी व्रत की महिमा का वर्णन शास्त्रों में विस्तारपूर्वक किया गया है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध (Jaya Ekadashi Vrat Benefits) हो जाते हैं। साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी मुक्ति मिलती है। आइए, जया एकादशी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, योग एवं पूजा विधि जानते हैं-

    जया एकादशी शुभ मुहूर्त (Jaya Ekadashi 2026 Date Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (Jaya Ekadashi 2026 Muhurat) 28 जनवरी को शाम 04 बजकर 35 मिनट से शुरू होगी और 29 जनवरी को दोपहर 01 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि का मान है। इस प्रकार 29 जनवरी को जया एकादशी मनाई जाएगी। साधक सुविधा अनुसार समय पर स्नान-ध्यान कर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें।

    जया एकादशी शुभ योग (Jaya Ekadashi 2026 Date Shubh Yoga)

    जया एकादशी के दिन इन्द्र, रवि योग भद्रावास योग और शिववास योग के दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इसके साथ ही बव और बालव करण के भी संयोग हैं। इन योग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा।

    पूजा विधि (Lord Vishnu Puja Vidhi)

    माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर सूर्योदय से पहले उठें। इस समय लक्ष्मी नारायण जी को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। दैनिक कार्यों से निवृत होने के बाद स्नान-ध्यान करें। गंगा स्नान की सुविधा होने पर अवश्य मां गंगा की कृपा प्राप्त करें। इसके बाद आचमन करें और पीले वस्त्र धारण करें। अब पिता के कारक सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें।

    इसके बाद पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। भगवान विष्णु को पीले फल, फूल, खीर, सफेद मिठाई आदि चीजें अर्पित करें। पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ अवश्य करें। पूजा के अंत में आरती कर सुख-समृद्धि और कृपा की कामना करें। दिन भर उपवास रख संध्याकाल में आरती करने के बाद फलाहार करें। अगले दिन पूजा-पाठ कर पारण करें।

    जया एकादशी पारण समय (Jaya Ekadashi 2026 Paran Timing)

    जया एकादशी का पारण 30 जनवरी के दिन किया जाएगा। इस दिन माघ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। साधक 30 जनवरी को सुबह 07 बजकर 05 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 20 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। 30 जनवरी को सुबह 11 बजकर 09 मिनट पर द्वादशी तिथि समाप्त होगी। इससे पहले साधक जया एकादशी का पारण कर लें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।