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Udaipur News: सारे समाज को हर क्षण अपना मानें - डॉ. मोहन भागवत

Udaipur News हमें अपने साथ मिलकर कार्य करने वालों का समूह खड़ा करना होगा। गांव को सामूहिक निर्णय के माध्यम से तैयार करना है। सबके मिलकर सोचने से गलती नहीं होती है सामूहिक मन व निर्णय होना चाहिए।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraPublished: Sun, 26 Feb 2023 11:40 PM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2023 06:36 AM (IST)
गतिविधि का परिणाम धीरे आता है। धैर्यपूर्वक कार्य करें एवं धैर्य के साथ दृष्टि, दक्षता का विकास करें।

उदयपुर, राज्य ब्यूरो। ग्राम विकास समाज की गतिविधि है। सारे समाज को हर क्षण अपना मानना है, इसके द्वारा समाज के आचरण में परिवर्तन लाना है। नित्यसिद्ध संगठित समाज तैयार करना है। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने राजस्थान के डूंगरपुर जिले के भेमई गांव में आयोजित प्रभात ग्राम विकास मिलन के समापन सत्र में कही। उन्होंने कहा कि समाज आधारित विकास अपने देश का स्वभाव रहा है। सब प्रकार का विकास करते हुए, पर्यावरण सुरक्षित रखते हुए भारत पूर्व में भी अग्रणी देश रहा है। हम अर्थव्यवस्था में प्रथम थे। शासन से सहायता की आशा रखने के स्थान पर हमें समाज का जागरण कर आत्मनिर्भर बनना है।

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मनुष्य यदि निश्चिय करे तो माटी से अमृत निकाल सकता: मोहन भागवत

ग्राम विकास अपने बूते करना है। हमें अपने साथ मिलकर कार्य करने वालों का समूह खड़ा करना होगा। गांव को सामूहिक निर्णय के माध्यम से तैयार करना है। सबके मिलकर सोचने से गलती नहीं होती है, सामूहिक मन व निर्णय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गतिविधि का परिणाम धीरे आता है। धैर्यपूर्वक कार्य करें एवं धैर्य के साथ दृष्टि, दक्षता का विकास करें।

रविवार को ही स्वामी विवेकानंद ग्राम विकास समिति, भेमई द्वारा आयोजित ग्राम सभा में सरसंघचालक डाॅ. भागवत ने कहा कि ग्राम विकास का कार्य सबसे पहले ग्राम वासियों की सोच से प्रारम्भ होता है। प्रभात गांव वह है, जहां सभी निःस्वार्थ भाव से बिना भेदभाव काम करते हैं। अपने देश में प्रभात ग्राम 300 से अधिक हैं, उसमें भेमई भी है। मनुष्य यदि दृढ़ निश्चिय करे तो माटी से अमृत निकाल सकता है।

कल्पवृक्ष की कथा बताते हुए उन्होंने कहा कि जैसा हम सोचते हैं, वेसा सब हो जाता है। देव-दानवों के मध्य स्वर्ग तक सीढ़ी बनाने की कथा सुनाकर बताया कि बिना दूसरों को हानि पहुंचाए, अपना स्वार्थ छोड़कर और भेदों को हटा कर काम करना ही ग्राम विकास है। व्यक्ति गुणवान होने साथ परिवार, गांव, जनपद, देश के काम आना चाहिए। अपना घेरा सम्पूर्ण वसुधा तक बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपना भेमई प्रभात गांव है। अब इसका प्रभाव आस-पास के गांवों तक पहुंचना चाहिए। गांवों में नगरों जैसी सुविधाएं मिलें। गांवों में आपसी संबंधों के आधार पर कार्य होता है। पूरे गांव को एक परिवार मानकर व्यवहार करना है।

सभा के प्रारंभ में श्री मां महिला ग्राम विकास समिति के नेतृत्व में सभी महिलाओं ने स्वागत लोकगीत ‘होना रूपा नी थारी हबाड़ो आजे भागवत जी पधार्या’ गाया। रमेश भाई व अर्जुन पारगी ने पगड़ी पहनाकर सरसंघचालक डाॅ. भागवत का स्वागत किया। ग्राम सभा का प्रतिवेदन विवेकानंद ग्राम विकास समिति, भेमई के सचिव गिरीश भाई ने रखा और सभा के अंत में आभार महेंद्र भाई ने व्यक्त किया।

सभा में चिकली खंड संघचालक अरविन्द भाई, ग्राम विकास समिति भेमई के चेतन भाई, पद्मश्री मूलचंद काका वागदारी, पद्मश्री श्याम सुंदर, भारत माता मंदिर बांसवाड़ा के रामस्वरूप महाराज, राजस्थान क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री, राजस्थान क्षेत्र ग्राम विकास संयोजक राजावीर सहित अन्य उपस्थित रहे। सभा का संचालन मनोज कुमार ने किया।


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