पंजाब में जहरीले फोर्टिफाइड तेल की रिपोर्ट से हुआ खुल्लासा, अत्याधिक मात्रा में विटामिन-D मिलाया गया, छापेमारी में हुई रिकवरी
पंजाब और कोलकाता तक फैली जांच में जहरीले 'फोर्टिफाइड' तेल के स्रोत का पता चला है। इस तेल में अत्यधिक विटामिन-डी मिलाया गया था, जिससे पंजाब के कई लोग ग ...और पढ़ें

नकली तेल का प्रयोग करने से कई बीमार।
जागरण संवाददाता, पटियाला। पंजाब और कोलकाता तक फैली एक मेडिकल और खाद्य सुरक्षा जांच में आखिरकार उस जहरीले तथाकथित “फोर्टिफाइड” तेल के सोर्स का पता चल गया है, जिसकी वजह से पंजाब के कई लोग गंभीर हालत में अस्पताल पहुंच गए थे।
यह मामला तब सामने आया था, जब राजपुरा (पटियाला) के छह लोग, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे, गंभीर हालत में पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराए गए।
सेहत अधिकारियों के अनुसार, मरीजों में लगातार उल्टियां, अत्यधिक कमजोरी और चेतना में बदलाव (अल्टर्ड सेंसोरियम) जैसे गंभीर लक्षण पाए गए। पीजीआई में जांच के दौरान पता चला कि इन मरीजों के शरीर में विटामिन-डी का स्तर जानलेवा रूप से अधिक था। इस स्थिति को हाइपर विटामिनोसिस-डी कहा जाता है, जिससे खून में कैल्शियम की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ गई और किडनी पर भी गंभीर असर पड़ा।
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सेहत विभाग की जांच में हुए खुल्लासे
मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सेहत विभाग और फूड सेफ्टी विंग ने विस्तृत जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि यह पूरा मामला स्थानीय स्तर पर मिलावट और ब्रांडिंग धोखाधड़ी से जुड़ा है। अधिकारियों के मुताबिक, आरोपितों ने नामी कंपनियों के कच्चे तेल को हासिल किया और उसे उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले छेड़छाड़ का शिकार बनाया।
हडि्डयों को मजबूत करने के दावे कर लुभाया गया
फतेहगढ़ साहिब और राजपुरा क्षेत्र में संचालित कथित “मिक्सिंग यूनिट्स” में तेल के मूल पैकेट खोले गए और उनमें अत्यधिक मात्रा में विटामिन-डी मिलाया गया। इसके बाद इस जहरीले मिश्रण को ढीली बोतलों में भरकर एक स्थानीय नकली ब्रांड के नाम से बेचा गया।
लोगों का भरोसा जीतने के लिए बोतलों पर “हड्डियों के लिए फोर्टिफाइड” जैसे दावे लिखे गए और उन पर फर्जी एफएसएसएआई मंजूरी के निशान भी लगाए गए।
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रिपोर्ट में सेंपल घटिया बताए गए
पटियाला सेहत विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य खाद्य प्रयोगशाला, खरड़ की रिपोर्ट में जब्त किए गए नमूनों को घटिया और सेहत के लिए खतरनाक घोषित किया गया है। इससे पहले की छापेमारी में 350 से अधिक बॉक्स और सैकड़ों बोतलें जब्त की जा चुकी हैं। फूड सेफ्टी विंग ने आरोपितों के खिलाफ अदालत में मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सेहत विभाग ने राजपुरा के आसपास के गांवों में सार्वजनिक घोषणाएं कर लोगों को इस तेल का उपयोग तुरंत बंद करने की सलाह दी है। सेहत विभाग की रेड करने पहुंची टीमों ने बताया कि सर्वे के दौरान संबंधित रिटेल दुकानदार की दुकान बंद पाई गई। फिलहाल अधिकारी मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं, ताकि आगे किसी और की जान खतरे में न पड़े।

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