रिटायर्ड आईजी चहल सुसाइड प्रयास का मामला, 3 करोड़ हुए फ्रीज, मिल सकते हैं वापस, तीसरा आरोपी भी निकला महाराष्ट्र का
पटियाला पुलिस को रिटायर्ड आईजी अमर सिंह चहल साइबर ठगी मामले में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने 3 करोड़ रुपये फ्रीज करवाए, जो ठगी के जरिए ट्रांसफर किए गए ...और पढ़ें

अस्पताल में उपचाराधीन पूर्व आईजी चहल।
प्रेम वर्मा, पटियाला। साइबर ठगी का शिकार हुए रिटायर्ड आईजी अमर सिंह चहल के मामले में पटियाला पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने ठगी के जरिए विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए करीब 3 करोड़ रुपये फ्रीज करवा दिए गए हैं। यह राशि कुल 8 करोड़ 10 लाख रुपये की साइबर ठगी का हिस्सा थी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार फ्रीज करवाई गई रकम के वापस मिलने की पूरी संभावना है। जानकारी के मुताबिक ठगों ने रिटायर्ड आईजी के बैंक खाते से रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाई थी। खातों की तकनीकी जांच और बैंकिंग ट्रेल खंगालने के बाद पटियाला पुलिस ने संबंधित बैंकों से समन्वय कर यह राशि फ्रीज करवाई।
पुलिस का कहना है कि आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह पैसा पीड़ित को लौटाया जा सकेगा। इस मामले में साइबर ठगी से जुड़े तीसरे आरोपी की पहचान भी कर ली गई है, जो महाराष्ट्र का रहने वाला बताया जा रहा है।
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दो आरोपियों की पहले ही हो चुकी पहचान
इससे पहले पुलिस दो आरोपितों की पहचान कर चुकी है, जिनमें एक पटियाला और दूसरा महाराष्ट्र से संबंधित है। हालांकि पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि पटियाला का बताया जा रहा आरोपी किसी बाहरी राज्य से जुड़ा हो सकता है और उसने फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया हो।
उसकी असली पहचान सामने लाने के लिए जांच तेज कर दी गई है। पटियाला पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी मामले को सुलझाने के लिए दो विशेष जांच टीमें गठित की हैं। अब तक की जांच में करीब 10 लोगों की संलिप्तता के सुराग मिले हैं।
पुलिस का कहना है कि सभी संदिग्धों की पहचान पुख्ता होते ही उनकी गिरफ्तारी के लिए विभिन्न राज्यों में छापेमारी की जाएगी।
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ठगों से परेशान होकर की थी आत्महत्या
गौरतलब है कि साइबर ठगी का पता चलने के बाद मानसिक तनाव में आए रिटायर्ड आईजी अमर सिंह चहल ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। इसके बाद उनकी पत्नी जसविंदर कौर के बयान के आधार पर साइबर क्राइम थाना पटियाला में मामला दर्ज किया गया था।
घायल अवस्था में चहल को घर के नजदीक एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका सफल ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है। हालांकि वीरवार को उनकी हालत बयान देने लायक नहीं थी, इसलिए पुलिस शुक्रवार को उनके बयान दर्ज करेगी।
पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी एसपी डिटेक्टिव पटियाला को सौंपी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी पारदर्शिता से की जा रही है और दोषियों को जल्द कानून के शिकंजे में लाया जाएगा।
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