Ukraine Russia News: यूक्रेन में भारतीय नागरिकों के मोबाइल फोन स्विच आफ, स्वजनों में बढ़ी चिंता
Ukraine Russia News यूक्रेन में अभी भी कई पंजाबी फंसे हुए हैं। उनके फोन लगातार स्विच आफ आ रहे हैं। इसके कारण उनके स्वजनों की चिंता बढ़ गई है। उन्हें किताबों के बजाय वहां के सुरक्षा अधिकारी हथियार उठाने की सलाह दे रहे हैं।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। Ukraine Russia News: यूक्रेन पर रूस द्वारा किए गए हमले के सातवें दिन भी उन परिवारों में खौफ का माहौल देखा गया, जिनके लाल मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए हुए हैं। जिन भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से संबंधित सुरक्षा अधिकारियों द्वारा किताबों की जगह हाथों में हथियार थामने की सलाह दी जा रही थी, उनके मोबाइल फोन स्विच आफ हो जाने से परिवारों में चिंता लगातार बढ़ रही है।
यह भी चर्चा है कि यूक्रेन के साथ लगने वाली विभिन्न देशों की सीमाएं भी सील की जा रही हैं। हालांकि लवीव शहर में छह दिन से डेरा डाले बैठे करीब 200 भारतीय नागरिकों को पोलैंड में बुधवार को सियासी शरण दी गई।
कीव यूनिवर्सिटी से संबंधित 11 भारतीय छात्रों के दल को लवीव शहर की सीमा पर तैनात पोलैंड से संबंधित सुरक्षा अधिकारियों द्वारा तीन दिन से लगातार परेशान किया जा रहा था। अमृतसर से संबंधित जगजीत सिंह सन्नी, हिमाचल प्रदेश के देवराज, कोटकपूरा के जजबीर सिंह और पटियाला के गुरफतेह सिंह को सुरक्षा अधिकारियों द्वारा पोलैंड भेजने से मना कर दिया गया था।
उधर, रूस की सेना द्वारा लवीव शहर के आसपास वाले क्षेत्रों में अस्पतालों की इमारतों पर बमबारी की गई। बमबारी के दौरान यूक्रेन से संबंधित दर्जनों लोगों की मौत की खबर ने माहौल को और खौफजदा बना दिया। जालंधर निवासी कमलजीत सिंह और बङ्क्षठडा निवासी सेवकपाल सिंह ने जगजीत सिंह सन्नी के माध्यम से दैनिक जागरण को बताया कि बुधवार की सुबह बर्फबारी के बीच उनको लगातार चार घंटे खड़ा रखा गया। पैरों में सूजन का वास्ता देकर जब भी बैठने का प्रयास किया तो यूक्रेन के सुरक्षा अधिकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा।
सुबह के दस बजे ही कतार में खड़े भारतीय नागरिकों को 15 से 20 गज पीछे हटकर लंबी कतार लगाने का आदेश दे दिया गया था। दोपहर करीब तीन बजे तक करीब 200 नागरिकों को पोलैंड जाने की आज्ञा दे दी गई।
दैनिक जागरण का जताया आभार
लवीव में लगातार छह दिन तक डटे रहने वाली गुरलीन कौर (निवासी कपूरथला) ने पोलैंड रवाना होने के दौरान दैनिक जागरण का आभार जताया। उन्होंने कहा कि रूस के हमले के बाद दैनिक जागरण ने भारतीय नागरिकों की दुर्दशा व परेशानियों को भारत सरकार तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।
खालसा ऐड का किया धन्यवाद
हरियाणा के पानीपत शहर निवासी अंजू बाला व उसके भाई अनूप देवगन का कहना है कि कीव शहर से रवाना होते समय उन्होंने अपना कोई सामान साथ नहीं लिया। जान बचाने को प्राथमिकता दी। खालसा ऐड की टीम ने समय-समय पर पहुंचकर उनको ब्रेड, बिस्कुट, चाय मुहैया करवाई। हम सिख कौम के बहुत ऋणी हैं।
सामान के बैग नहीं लौटाए वापस
दिल्ली निवासी अनुपमा, चंद्र शेखर ने दैनिक जागरण को बताया कि उनके पास सामान के दो बैग थे। लवीव शहर स्थित पोलैंड सीमा पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों ने पहले सारे कागजात चेक किए। फिर बहानेबाजी बनाते हुए सामान के दो बैग अपने पास रख लिए। उन्होंने बताया कि कीव यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए एक-एक वर्ष की जहां एडवांस फीस दी थी, वहीं वे यूनिवर्सिटी के होस्टल में सोने के जेवरात व कुछ नकदी भी छोडऩे को मजबूर हो गए थे।