आप मंत्री का आरोप, फंड घटाकर और अधिकार छीनकर मनरेगा को खोखला कर रही केंद्र सरकार
होशियारपुर में, मंत्री रवजोत सिंह ने मनरेगा में केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे बदलावों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र मनरेगा का नाम बदलने और फंड ...और पढ़ें

निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर। स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने मनरेगा का नाम बदलने व उसमें बदलाव किए जाने को केंद्र सरकार की साजिश करार दिया है। मंत्री डॉ. रवजोत ने कहा मनरेगा स्कीम का नाम बदलना केवल एक बहाना है, असली मंशा इसके भीतर ऐसे बदलाव करना है जिनसे गरीब और मेहनतकश वर्ग को नुकसान पहुंचे।
उन्होंने कहा कि पहले केंद्र सरकार मनरेगा में 90 प्रतिशत फंडिंग करती थी, जिसे अब घटाकर 60:40 कर दिया गया है। वहीं राज्यों का आरडीएफ और जीएसटी का पैसा भी रोका जा रहा है, जो सीधे-सीधे राज्यों के अधिकारों पर हमला है। डॉ. रवजोत सिंह ने कहा कि अब केंद्र सरकार यह भी तय करेगी कि गांवों में कौन-सा काम होगा और कौन-सा नहीं।
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पाइपलाइन, मंडी, निर्माण कार्य या अन्य विकास कार्यों पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं। गांवों के तालाबों की सफाई पांच साल में केवल एक बार करने की शर्त लगाकर पूछा जाना चाहिए कि फिर 125 दिन का रोजगार आखिर कैसे दिया जाएगा। यह गरीबों के मुंह से निवाला छीनने जैसा है, जिसका कड़ा विरोध किया जाएगा और इसे विधानसभा में भी उठाया जाएगा।
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राज्य से अधिक पैसा लेकर केंद्र कर रही नियंत्रण
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पहले 10 प्रतिशत हिस्सा देती थी, अब 40 प्रतिशत देना पड़ रहा है, जबकि काम का नियंत्रण पूरी तरह केंद्र के हाथ में है। “जिसका खेत उसकी रेत” जैसी योजनाओं का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मॉडल से लोगों की आमदनी बढ़ती है।
डॉ. रवजोत सिंह ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ पंजाब का नहीं, बल्कि देशभर के 68 करोड़ मनरेगा कार्डधारकों का है। अगर 125 दिन देने की बात है तो उसके साथ शर्तें और फंड रोकना सरासर अन्याय है। पंजाब सरकार गरीब, नौजवान और आम आदमी के हक की इस लड़ाई को पूरी मजबूती से लड़ेगी।

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