Punjab Budget 2021: कैप्टन के एजेंडा 2022 पर फोकस मनप्रीत का बजट, हर वर्ग के वोटर को साधने की लगाई जुगत
Punjab Budget 2021 पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल द्वारा विधानसभा में पेश किया बजट वास्तव में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के एजेंडा 2022 को पूरा करता है। इस चुनावी बजट में हर वर्ग के मतदाताओं को साधने की जुगत लगाई गई है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। Punjab Budget 2021: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी सरकार के अंतिम बजट विधानसभा में रखने से पहले जो सात सूत्रीय एजेंडा 2022 पेश किया था। आज राज्य के 2021-22 के बजट में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल उसे पूरा करते दिखाई पड़ रहे हैं। वित्तमंत्री ने महिला, किसान, दुकानदार, युवा और अनुसूचित वर्ग को खुश करने पर फोकस करते हुए 1.62 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। वित्तमंत्री जानते हैं कि यही वर्ग है जो कांग्रेस की सत्ता में वापसी करा सकता है।
वित्तमंत्री ने महिलाओं और विद्यार्थियों के संग कर्मचारियों को भी लुभाया
कुल मतदाताओं में 50 फीसदी से ज्यादा वोटरों को प्रभावित करने वाले महिला वर्ग और कॉलेज विद्यार्थियों के लिए मुफ्त बस यात्रा हो या फिर कर्मचारियों को वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की सौगात। 17 लाख से ज्यादा बुढ़ापा,विधवा या विकलांगों की पेंशन को दोगुणा करने की बात हो या फिर किसानों व मजदूरों के लिए कर्ज माफी के लिए 1712 करोड़ रुपए रखने की बात, ये सभी ऐसे वर्ग हैं जिनकी मतदान में सबसे ज्यादा भूमिका होती है।
बढ़ते कर्ज पर चिंता जताई, लेकिन समाधान का रोडमैप बजट से नदारद
मनप्रीत बादल ने राज्य पर बढ़ते कर्ज के बोझ पर चिंता तो जताई पर इसे हल करने का रोडमैप इसमें कोई नजर नहीं आ रहा है। आज पेश किए बजट में वित्तमंत्री ने 8600 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है। उन्होंने इसका कारण वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करना बताते हुए कहा कि इस पर 9000 करोड़ खर्च होने हैं। अगर ये न हो तो इस बार हमारा सरप्लस बजट होता।
किसान आंदोलन का बजट पर दिखा असर, कृषकों पर खास दिखाया फोकस
तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन की छाप भी बजट पर दिखाई पड़ रही है। मनप्रीत ने जहां कर्ज माफी की योजना को जारी रखते हुए उनके 1186 करोड़ रुपये रखे हैं वहीं खेतीहर मजदूरों के लिए 526 करोड़ का आवंटन किया है। यही नहीं, किसानों के लिए कामयाब किसान खुशहाल पंजाब नाम से एक नई योजना भी लांच की है जिसमें किसानों को सब्जियों, फलों और सहायक में लाने के लिए नए रिसर्च सेंटर बनाने, एग्रीकल्चर मार्केटिंग इनोवेशन सेंटर स्थापित करने का ऐलान किया। यह किसानों को बाजारी मूल्य की सतर्कता रिपोर्ट प्रदान करेगा। इस नई योजना हर जिले में कृषि विकास ब्यूरो बनाएं जाएंगे हालांकि पहले चरण में यह केवल तीन जिलों में भ बनाने का प्रस्ताव है।
व्यापारियों को भी खुश करने की कोशिश, 24 घंटे दुकान व व्यवसायिक संस्थान खोलने वाला दूसरा राज्य
कोरोना के कारण जिन दुकानदारों और अन्य व्यवसायिक संस्थानों को नुकसान हुआ है उसको दूर करने के लिए वित्तमंत्री ने साल के 365 दिन, 24 घंटे संस्थान खोलने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र के बाद पंजाब दूसरा ऐसा सूबा है जिसने इस तरह की छूट दी है। कोरोना के चलते सबसे ज्यादा नुकसान इसी सेक्टर को हुआ है।
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एससी वर्ग पर भी मेहरबान रहे वित्तमंत्री मनप्रीत बादल
एससी वर्ग के लिए मुख्यमंत्री ने आशीर्वाद योजना में मिलने वाली शगुन की राशि को 21 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दिया है। भाजपा के पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाने के ऐलान के बाद से कांग्रेस ने इस सेक्टर पर फोकस किया है। कपूरथला में बाबा भीम राव अंबेडकर म्युजियम के लिए सौ करोड़ रुपए रखे गए हैं तो गुरु रविदास की याद में होशियारपुर में चार साल से बन रहे स्मारक को इस साल हर हाल में पूरा करने का ऐलान किया है।
गरीबों को सस्ते अनाज की नई योजना लांच की, साहित्यकारों का भी रखा ध्यान
गरीबों को मिल रहे सस्ते अनाज वाली योजना को आगे बढ़ाते हुए पंजाब ने अपनी भी नई योजना लांच की है जिसमें नाै लाख उन परिवारों को शामिल किया जाएगा जो राष्ट्रीय खुराक योजना में शामिल नहीं हैं। चुनाव के दौरान कांग्रेस ने आटा, दाल के साथ साथ चायपत्ती और चीनी देने का वादा किया था। वित्तमंत्री ने कहा, इसके बदले हमने नौ लाख और परिवारों को सस्ता आटा उपलब्ध करवाना ज्यादा मुनासिब समझा। पंजाबी भाषा को प्रफुल्लित करने के लिए पंजाबी साहित्य पुरस्कारों को भी दोगुना करते हुए बीस लाख रुपये करने का का आज उन्होंने ऐलान किया। स्वतंत्रता संग्रामियों की पेंशन 7500 से बढ़ाकर 9400 रुपये कर दी है।
मनप्रीत का दिखा शायराना अंदाज
वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने एक बार फिर से बजट को शायराना अंदाजा में पेश किया। जहां उन्होंने अपनी कंजूसी को भी एक शेयर के रूप में रखा वहीं किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को भी उन्होंने अपने ही अंदाज में श्रद्धांजलि दी।
मनप्रीत ने कहा कि उन्होंने पंजाबियों की मेहनत की कमाई को कंजूसी से प्रयोग किया है। इसको उन्होंने शायराना अंदाज में पेश करते हुए कहा-
' जो यकीन की राह पर चल पड़
उन्हें मंजिलों ने पनाह दी
जिन्हें वस-वसों ने डरा दिया
वो कदम -कदम पे बहक गए।'
उन्होंने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा-
' दुनिया मेरे अजम को कमजोर न समझे
यह सब्र है मेरा, इसे कुछ और न समझे
सोए हुए शेरों को जगाना नहीं है अच्छा,
हम जैसों को बेकार सताना नहीं है अच्छा
खामोश था लेकिन तेरे डब (तौर तरीकों) देख रहा था
मैं सोचती आंखों से गजब देख रहा था
कमजोर नहीं हूं कि तुझे कुछ न कहूंगा,
वतन परस्त हूं मैं कड़ा वार करूंगा।'
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