Move to Jagran APP

केंद्र ने 9 वर्षों में 14.56 लाख करोड़ के कर्ज बट्टे खाते में डाले, कुल ऋण में करीब 50 प्रतिशत रकम उद्योगों की

एफआइयू निदेशक वित्त मंत्रालय ने सोमवार को संसद में बताया कि जीएसटी चोरी के किसी मामले का पता चलता है तो वित्तीय खुफिया इकाई (एफआइयू) के निदेशक जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को सूचित करेंगे। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) का उद्देश्य ना केवल मनी लांड्रिंग रोकना है बल्कि मनी लांड्रिंग से प्राप्त या इसमें शामिल संपत्ति को जब्त करना है।

By AgencyEdited By: Amit SinghPublished: Mon, 07 Aug 2023 07:43 PM (IST)Updated: Mon, 07 Aug 2023 07:43 PM (IST)
जीएसटी से जुड़ी लंबित अपीलों की संख्या 14 हजार से ज्यादा है।

नई दिल्ली, पीटीआई: सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि पिछले नौ वित्त वर्ष (2014-15) के दौरान 14.56 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्जों (एनपीए) को बट्टे खातों में डाला गया है। बट्टे खाते में डाले गए कुल कर्ज में से बड़े उद्योगों का ऋण 7,40,968 करोड़ रुपये था। वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने अप्रैल, 2014 से मार्च, 2023 तक कारपोरेट कर्ज सहित बट्टे खाते में डाले गए कर्जों में से कुल 2,04,668 करोड़ रुपये की वसूली की है।

loksabha election banner

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 में बट्टे खाते में डाले गए कर्ज के मुकाबले ऋण वसूली 1.18 लाख करोड़ रुपये रही। हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह वसूली घटकर 0.91 लाख करोड़ और वित्त वर्ष 2022-23 में मात्र 0.84 लाख करोड़ रुपये रह गई। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा बट्टे खाते में डाला गया कुल कर्ज 73,803 करोड़ रुपये था।

संदिग्ध लेनदेन की जानकारी जीएसटीएन को देंगे

एफआइयू निदेशक वित्त मंत्रालय ने सोमवार को संसद में बताया कि जीएसटी चोरी (संदिग्ध और उच्च मूल्य के नकद लेनदेन सहित) के किसी मामले का पता चलता है तो वित्तीय खुफिया इकाई (एफआइयू) के निदेशक जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को सूचित करेंगे। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) का उद्देश्य ना केवल मनी लांड्रिंग रोकना है बल्कि मनी लांड्रिंग से प्राप्त या इसमें शामिल संपत्ति को जब्त करना है।

हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि क्या जीएसटीएन को पीएमएलए के दायरे में लाया गया है। इस पर उन्होंने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सरकार ने हाल ही में पीएमएलए की धारा 66 के तहत एक अधिसूचना जारी की है, जिसके चलते वित्तीय खुफिया इकाई के निदेशक संदिग्ध लेनदेन जैसे मामलों की जानकारी जीएसटीएन के साझा करेंगे।

1,900 से अधिक पेट्रोल पंपों से बेचा जा रहा ई20 ईंधन

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने सोमवार को संसद में बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने फरवरी, 2023 से ई20 पेट्रोल की बिक्री शुरू की थी और वर्तमान में 1,900 से अधिक पेट्रोल पंप से इसे बेचा जा रहा है। ई20 ईंधन 20 प्रतिशत एथनाल और जीवाश्म आधारित ईंधन का मिश्रण है। उन्होंने बताया कि सरकार ने ई20 ईंधन के लक्ष्य को 2030 से घटाकर 2025 कर दिया है। अनुमान लगाया गया है कि 2025 तक ई20 ईंधन के उपयोग से 200 लाख टन से अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी।

जीएसटी से जुड़ी लंबित अपीलों की संख्या 14 हजार से ज्यादा

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को संसद में बताया कि कर संबंधी जीएसटी अधिकारियों के फैसले के खिलाफ जून, 2023 तक 14,227 अपीलें लंबित थीं। मार्च 2023 तक लंबित अपीलों की संख्या 11,899 थी। वर्तमान में कर अधिकारियों के फैसले से असंतुष्ट करदाताओं को संबंधित हाईकोर्ट में जाना होता है। इससे समाधान प्रक्रिया में अधिक समय लगता है, क्योंकि ना केवल हाईकोर्ट पहले से ही लंबित मामलों के बोझ से दबे हैं बल्कि उनके पास जीएसटी मामलों से निपटने के लिए कोई विशेष पीठ भी नहीं है। राज्यों में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण पीठ की स्थापना से विवाद के त्वरित समाधान में मदद मिलेगी।

केंद्र सरकार का कर्ज 155.6 लाख करोड़

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि 31 मार्च, 2014 को केंद्र सरकार का कर्ज 58.6 लाख करोड़ (जीडीपी का 52.2 प्रतिशत) रुपए था, जो 31 मार्च, 2023 को बढ़कर 155.6 लाख करोड़ रुपए (जीडीपी का 57.1 प्रतिशत) हो गया। वित्त वर्ष 2019-20 के अंत में केंद्र सरकार का कर्ज 105.1 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 52.4 प्रतिशत) था, जो वित्त वर्ष 2020-21 के अंत में बढ़कर 121.9 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 61.5 प्रतिशत) हो गया।

एक ही वर्ष में केंद्र सरकार के कर्ज में लगभग नौ प्रतिशत की बढ़ोतरी की प्रमुख वजह कोरोना महामारी थी। हालांकि वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद का 57.1 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि भारत की नामिनल जीडीपी 2013-14 में 112.34 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2022-23 में 272.41 लाख करोड़ रुपये हो गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.