काशी, मथुरा, अयोध्या समेत सात प्राचीन नगरों को संवारने में मदद करेगा यूनेस्को
केंद्रीय मंत्री की ओर से सातों नगरों को एक यूनिट मानने के प्रस्ताव पर यूनेस्को ने जल्द उचित कदम उठाने का भरोसा दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। काशी, मथुरा और अयोध्या सहित देश की प्राचीन और सांस्कृतिक दृष्टि से अहम सात नगरों को फिर से उनका पुराना गौरव वापस मिलेगा। संस्कृति मंत्रालय ने इन नगरों को संवारने के लिए यूनेस्को के साथ नए सिरे से बातचीत शुरु की है।
पर्यटन मंत्री की यूनेस्को की डायरेक्टर से वार्ता, एक यूनिट में शामिल करने का प्रस्ताव
मंगलवार को दिल्ली दौरे पर आई यूनेस्को की डायरेक्टर जनरल आंद्रे अजूले के साथ केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने लंबी चर्चा की है। इस दौरान उन्होंने सातों प्राचीन नगरों को एक यूनिट के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव भी दिया है।
सात प्राचीन और सांस्कृतिक नगरों को लेकर यूनेस्को टीम के साथ हुई वार्ता
संस्कृति मंत्री ने इस दौरान यूनेस्को के अधिकारियों के साथ देश की जिन सात प्राचीन और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध नगरों को लेकर चर्चा की है, उनमें काशी, मथुरा और अयोध्या के अलावा हरिद्वार, कांची, उज्जैन और द्वारका को शामिल किया गया है।
सातों नगरों को एक यूनिट के प्रस्ताव पर यूनेस्को जल्द उठाएगा कदम
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की ओर से सातों नगरों को एक यूनिट मानने के प्रस्ताव पर यूनेस्को ने जल्द उचित कदम उठाने का भरोसा दिया है।
यूनेस्को की टीम ने मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलकर ली शिक्षा को मजबूत बनाने की जानकारी
यूनेस्को की टीम ने इस दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ भी मुलाकात की है। इस दौरान शिक्षा को मजबूत बनाने और राष्ट्रपति महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को देखते हुए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी है।
यूरोपीय संघ पर बिरला के कड़े रुख की सदन में हुई तारीफ
नागरिकता संशोधन कानून पर यूरोपियन यूनियन के चर्चा कराने के प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कड़े रुख की मंगलवार को सदन में जमकर तारीफ हुई। टीआरएस सासंद नागेश्वर राव ने इसका जिक्र किया और कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने जिस तरीके से यूरोपियन यूनियन को सख्त संदेश दिया, उसकी तारीफ की जानी चाहिए।
यूरोपियन यूनियन ने सीएए पर चर्चा के प्रस्ताव को टाला था
तेलंगाना के खम्मन से सांसद राव ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सख्त रुख के बाद ही यूरोपियन यूनियन ने सीएए पर चर्चा के प्रस्ताव को टाला था। ओम बिरला ने कहा था कि भारत के दोनों सदनों से सीएए का कानून बना है। अगर कोई दूसरी संसद इस तरह किसी और देश की संसद के फैसले पर सवाल उठाएगी तो इसके घातक परिणाम हो सकते हैं। पिछले दिनों यूरोपियन संघ ने अपने संसद में सीएए पर चर्चा का प्रस्ताव दिया था। हालांकि भारत ने इसे अपना घरेलू मामला बताते हुए यूनियन के इस रुख पर आपत्ति जताई थी। बाद में इस चर्चा से फ्रांस ने खुद को अलग भी कर लिया था।