प्राइम टीम, नई दिल्ली। देश के टेक टैलेंट के लिए राहत की खबर है। इस साल टेक टैलेंट को अच्छी हायरिंग देखने को मिलेगी। इस साल जहां आईटी सेक्टर में वापस से हायरिंग बढ़ने का अनुमान है, तो वहीं दूसरी तरफ मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल सेक्टर में टेक हायरिंग की नई लहर देखने को मिल रही है। देश की सबसे बड़ी कांट्रैक्ट एप्लायमेंट फर्म क्वेस कॉर्प की रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।

क्वेस कॉर्प के सालाना डिजिटल कौशल रिपोर्ट 2024 में कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश का आईटी सेक्टर अपने लचीलेपन और विकास क्षमता को उजागर करते हुए एक आशावादी तस्वीर पेश करता है। सेक्टर में डेवलपमेंट, ईआरपी, टेस्टिंग, डिजाइन एवं इंजीनियरिंग और नेटवर्किंग जैसे स्थापित कौशल पहले से काफी मांग में बने हुए हैं। क्लाउड, साइबर सुरक्षा और एनालिटिक्स जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में भी बड़ी मात्रा में मांग सामने आ रही है।

इसके अलावा, अब मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल सेक्टर से भी टेक टैलेंट की अच्छी खासी मांग आने लगी है। मैन्युफैक्चरिंग में पहले ज्यादातर टेक जॉब्स ऑटोमोबाइल और एयरोस्पेस जैसे पारंपरिक सेगमेंट से आती थी। अब सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल उद्योगों जैसे उभरते क्षेत्रों से भी डिमांड आने लगी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, रिटेल सेक्टर में कस्टमर एक्सपीरियंस का महत्व बढ़ रहा है। ई-कॉमर्स और ओमनीचैनल रिटेलिंग के बढ़ने के साथ, डेटा एनालिटिक्स, एआई और डिजिटल मार्केटिंग में कुशल टेक टैलेंट की मांग आसमान छूने लगी है। रिटेल कंपनियां वर्तमान हालात में कंपटीटिव बने रहने के लिए कस्टमर इंटरैक्शन को पर्सनलाइज करने और कस्टमर इनसाइट हासिल करने के लिए तकनीकी का लाभ उठा रही हैं।

क्वेस आईटी स्टाफिंग के डिप्टी सीईओ कपिल जोशी कहते हैं, “आगे हम ग्लोबल कैपासिटी सेंटर्स के विस्तार और वैश्विक अर्थव्यवस्था के स्थिरीकरण के कारण आईटी हायरिंग में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। बिग डेटा और एआई जैसी प्रमुख तकनीकी में प्रगति संभवतः इस वृद्धि को आगे बढ़ाएगी।

जोशी कहते हैं, भले ही चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन भारत का आईटी उद्योग अपने लोगों की ताकत, नवाचार और रणनीतिक विजन की बदौलत पहले से कहीं अधिक मजबूत होकर उभरने के लिए अच्छी स्थिति में है।

क्वेस कॉर्प के मुताबिक, नई जॉब्स में कुल मांग का 66% शीर्ष-5 स्किल सुइट्स डेवलपमेंट, ईआरपी, टेस्टिंग, डिजाइन एंड इंजीनियरिंग और नेटवर्किंग से आ रही हैं। इनके अलावा, वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में क्लाउड (16%), साइबर सुरक्षा (215%), और एनालिटिक्स (256%) से संबंधित स्किल की मांग में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ।

विशेषज्ञों के मुताबिक, क्लाउड कंप्यूटिंग की स्केलेबिलिटी और लागत-दक्षता लाभ तेजी से अपनाने को प्रेरित कर रही है। इससे क्लाउड आर्किटेक्ट्स, इंजीनियरों और सुरक्षा विशेषज्ञों को क्लाउड इन्फ्रा और ऐप्स को डिजाइन, प्रबंधित और अनुकूलित करने की आवश्यकता पैदा हो रही है।

वहीं, जैसे-जैसे कंपनियां अपने ऑपरेशन और डेटा को क्लाउड पर स्थानांतरित कर रही हैं, मजबूत साइबर सुरक्षा उपाय भी जरूरी होते जा रहे हैं। इसके लिए ऐसी कुशल प्रतिभा की आवश्यकता है जो कमजोरियों की पहचान कर सके, सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू कर सके और घटना प्रतिक्रिया रणनीतियों का प्रबंधन कर सके। साइबर सुरक्षा पर इस बढ़े हुए फोकस को हाल ही में साइबर सुरक्षा विधेयक के पटल पर रखा गया है, जिसका उद्देश्य डिजिटल क्षेत्र में बढ़ती जटिलताओं को संबोधित करना और इस क्षेत्र में कुशल पेशेवरों के विकास के प्रोत्साहन को आगे बढ़ाना है।

इसके अलावा, कंपनियां गहरी जानकारी हासिल करने के लिए डेटा एनालिटिक्स का तेजी से लाभ उठा रही हैं, जिससे डेटा विश्लेषकों, डेटा वैज्ञानिकों और बिजनेस इंटेलिजेंस विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है। मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल और हेल्थ सेक्टर में तकनीकी नियुक्ति के रुझान दिख रहे हैं।

विशेषज्ञ टेक टैलेंट को नई जरूरतों के हिसाब से तैयार होने की भी सलाह दे रहे हैं। स्टाफिंग फर्म टीमलीज की को-फाउंडर रितुपर्णो चक्रवर्ती कहती हैं, मौजूदा समय में आईटी सेक्टर में आपको बेहतर करने के लिए अपनी स्किल को अधिक मांझना होगा। अब आप औसत ज्ञान और डिग्री के बूते इंडस्ट्री में बेहतर नहीं कर सकते। आपको नई तकनीक से लगातार अपडेट रहने की आवश्यकता है।

शहरों की बात करें तो सबसे ज्यादा टेक जॉब्स बेंगलुरु और चेन्नई में सामने आने की उम्मीद है। क्वेस कॉर्प की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के तकनीकी परिदृश्य में तेजी का अनुभव हो रहा है। इसमें दक्षिण भारत निर्विवाद लीडर के रूप में उभर रहा है। आश्चर्यजनक रूप से 68% भर्ती के अनुरोध इस क्षेत्र से आ रहे हैं, इसके बाद पश्चिम (16%), उत्तर (8%), और पूर्व (2%) का स्थान आता है।