अगर होम लोन नहीं तो ओल्ड रिजीम में बने रहने में नुकसान, कुछ ही लोगों के लिए काम की रह गई पुरानी कर व्यवस्था
बजट में इनकम टैक्स में बदलाव की घोषणा तो की गई लेकिन सारे बदलाव न्यू टैक्स रिजीम में हुए और पुराने रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया। नए बजट के बाद अब ओल्ड टैक्स रिजीम में सिर्फ उन्हीं लोगों को फायदा होगा जिनके पास 4 लाख 83 हजार 333 रुपए से अधिक की कटाैती मौजूद हो। बाकी लोगों के लिए न्यू टैक्स रिजीम को ही अपनाना बेहतर होगा।
स्कन्द विवेक धर, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2024 में टैक्स में कई बदलावों का ऐलान किया। इसमें इनकम टैक्स में भी बड़े बदलाव किए गए। हालांकि, सारे बदलाव न्यू टैक्स रिजीम में हुए और पुराने रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया। इन बदलावों के बाद अब ओल्ड टैक्स रिजीम में सिर्फ उन्हीं लोगों को फायदा होगा, जिनके पास 4 लाख 83 हजार 333 रुपए से अधिक की कटाैती मौजूद हो।
वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नए आयकर स्लैब की घोषणा की है। इसमें पहला स्लैब तो 3 लाख पर स्थिर रखा गया है, लेकिन 3 से 6 लाख के स्लैब और 6 से 9 लाख के स्लैब को बढ़ाकर क्रमश: 3 लाख से 7 लाख और 7 लाख से 10 लाख रुपये का कर दिया गया है। 9 लाख से 12 लाख रुपये के स्लैब को बदलकर 10 लाख-12 लाख किया गया है। नई आयकर व्यवस्था के तहत कर स्लैब इस प्रकार हैं:
इसके अलावा, न्यू टैक्स रिजीम में मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है। ओल्ड रिजीम में मानक कटौती 50 हजार रुपए पर स्थिर है। उम्मीद के मुताबिक पुरानी आयकर व्यवस्था में कोई बदलाव की घोषणा नहीं की गई क्योंकि सरकार नई व्यवस्था को प्रोत्साहित करना चाहती है।
फिनटेक कंपनी बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, अगर आपको अभी भी पुरानी टैक्स व्यवस्था में बने रहने का औचित्य सिद्ध करना है, तो आपको सालाना 4.83 लाख रुपये से ज़्यादा की कटौती की ज़रूरत है। यह कटौती आपके लिए उपलब्ध सभी कटौतियों के योग से प्राप्त की जा सकती है।
आदिल उदाहरण देते हुए कहते हैं, होम लोन के ब्याज भुगतान पर आप धारा 24B के तहत ₹2 लाख तक की छूट ले सकते हैं। इसके अलावा जीवन बीमा प्रीमियम, होम लोन भुगतान के मूलधन, पीपीएफ, ईपीएफ आदि के लिए 80C के तहत 1.5 लाख रुपए की छूट मिलती है। आप स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए ₹1 लाख तक की कटौती 80D में ले सकते हैं। 80CCD के तहत NPS के लिए 50 हजार रुपए की कटौती मिल सकती है। किराए के भुगतान के लिए HRA और 80G-पात्र चैरिटी के दान पर भी टैक्स छूट मिलती है।
आदिल ने कहा कि इन सभी कटौतियों को जोड़कर अगर आप ₹4.83 लाख से ज़्यादा की कुल कटौती करने में सक्षम हैं, तो पुरानी व्यवस्था में रहना आपके लिए बेहतर है। यदि आप इस संख्या तक नहीं पहुंच सकते हैं, तो आपके लिए नई व्यवस्था बेहतर है जहां कम टैक्स रेट, अधिक मानक कटौती और कर स्लैब में वृद्धि प्रदान की गई है।