स्कन्द विवेक धर, नई दिल्ली। वेब सीरीज और फिल्मों के जरिए धूम्रपान को बढ़ावा दे रहे ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म की नकेल जल्द ही कसने वाली है। ओटीटी प्लेटफॉर्म को धूम्रपान रोधी कोटपा कानून के दायरे में लाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सहमति बन गई है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस यानी 31 मई को इससे जुड़ी अधिसूचना जारी हो सकती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने जागरण प्राइम को बताया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ कई दौर की बातचीत के बाद तंबाकू नियंत्रण कानून, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003 में बदलाव पर सहमति बन गई है। ओटीटी को भी कोटपा के दायरे में लाया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य मंत्रालय विश्व तंबाकू निषेध दिवस यानी 31 मई को इससे जुड़ी अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि साल 2022 की शुरुआत में भी ओटीटी को कोटपा कानून के दायरे में लाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। हालांकि, तब इसे लागू करने की प्रक्रिया को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने के चलते प्रस्ताव को रोक दिया गया था। इस बार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐहतियातन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को साथ लेकर प्रस्ताव पर काम शुरू किया है।

इससे पहले, ओटीटी प्लेटफॉर्म की मनमानी को लेकर विशेषज्ञ लंबे समय से चिंता जता रहे थे। जागरण प्राइम ने 27 सितंबर, 28 सितंबर और 10 नवंबर को आधा दर्जन से अधिक उदाहरण के साथ बताया था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म किस तरह से धूम्रपान को बढ़ावा दे रहे हैं और यह देश में मुश्किल से आई तंबाकू की खपत में कमी के लिए कितना बड़ा खतरा है।

जागरण प्राइम ने बताया था कि इन प्लेटफॉर्म में धूम्रपान, मदिरापान और यहां तक कि ड्रग्स के सेवन से जुड़े दृश्यों में भी कोई चेतावनी प्रसारित नहीं की जाती। यहां तक कि सिनेमाघरों के लिए फिल्म में पहले से मौजूद चेतावनी को भी ब्लर कर दिया जाता है। धूम्रपान के दृश्यों को इस तरह दिखाया जाता है कि वह युवाओं को ‘कूल’ और ‘ग्लैमरस’ लगें। इतना ही नहीं, स्कूली छात्र-छात्राओं तक को धड़ल्ले से धूम्रपान और नशा करते हुए दिखाया जा रहा है।

संसद में भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर तंबाकू और ड्रग्स के सेवन को बढ़ावा देने का मुद्दा उठा था। संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कैंसर के आधे मामले तंबाकू की वजह से होते हैं।

तंबाकू निषेध पर काम करने वाली संस्था वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रबंधक बिनॉय मैथ्यू कहते हैं, यह देखना चिंताजनक है कि स्ट्रीमिंग मीडिया तंबाकू के उपयोग को बढ़ावा देने का अड्डा बन गया है और यह व्यापक प्रचार भारत सरकार के फिल्म नियमों और तंबाकू के उपयोग को हतोत्साहित करने वाले प्रावधानों को कमजोर कर रहा है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) में संशोधन करके ओटीटी को विनियमित करने की योजना बनाना एक अच्छा कदम है।